जयपुर। प्रदेश में सड़क दुर्घटनों के आंकड़ों की जानकारी जुटाने के साथ सटीक निगरानी और विश्लेषण करना अब आसान होगा। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईआरएडी) योजना लागू की है।
इसके प्रथम चरण में राजस्थान सहित देश के सिर्फ 6 राज्यों को शामिल किया गया है। इसकी शुरूआत 15 फरवरी से हो गई है। उल्लेखनीय है इस शुरूआत से पहले कई माह से पायलट प्रोजेक्ट के जरिए संबंधित राज्यों के जिलों में अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
राजस्थान के 4 जिले शामिल
परिवहन सचिव व आयुक्त रवि जैन ने बताया कि योजना के प्रथम चरण में राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, अजमेर और अलवर जिलों को शामिल किया गया है। इसके बाद 15 मार्च 2021 से प्रदेश के सभी जिलों में यह योजना शुरू की जाएगी। योजना से सरकार को दुर्घटनाओं के कारण समझने को मिलेंगे, जिससे जल्द उनका समाधान भी किया जा सकेगा।
योजना में इस प्रकार से हो रहा कार्य
योजना तहत संबंधित जिले के हर पुलिस थाने से दो पुलिसकर्मी नियुक्त किये गए है। वे अपने पुलिस थाना क्षेत्र में दुर्घटना स्थल पर जाकर कारणों का पता लगाएंगे। इसके बाद आईआरएडी मोबाइल एप्लीकेशन पर डेटा अपलोड करेंगे। इस डेटा से दुर्घटना की एक आईडी भी जनरेट होगी। उस आईडी पर ही परिवहन विभाग, स्वास्थ्य और सड़क निर्माण विभाग के कर्मचारी अपनी रिपोर्ट दर्ज करेंगे।
दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण
सड़क दुर्घटनाओं व उनसे होने वाली मृत्यु पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए नीति निर्माण व कार्य योजना के निर्धारण के लिए आंकड़ों की ऑनलाइन रजिस्ट्री की जाएगी। उन आंकड़ों का वैज्ञानिक विश्लेषण एवं रियल टाइम पर्यवेक्षण किया जाएगा।
6 राज्यों के 59 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने योजना को पूरी तरह लागू करने से पहले राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। इसके सकारात्मक परीक्षण के बाद अब पूरी तरह से धरातल पर उतारा जा रहा है। इन राज्यों के 59 जिलों में प्रथम चरण शुरू हो रहा है।