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राजस्थानी कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और खानपान की अमिट छाप छोड़ संपन्न हुआ श्रावण उत्सव, बीकानेर हाउस में राजस्थानी आर्टिजंस की हुई 32 लाख की बंपर सेल

देश की राजधानी दिल्ली सहित देश-विदेश के अप्रवासी राजस्थानियों के दिलों पर राजस्थानी कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और खानपान की अमिट छाप छोड़कर छः दिवसीय श्रावण उत्सव का रविवार को समापन हो गया। बीकानेर हाउस में हरियाली तीज के उपलक्ष्य में राजस्थान फाउंडेशन, रूडा, राजस्थान पर्यटन विभाग और बीएचएमएस की ओर से 15 अगस्त से 20 अगस्त, 2023 तक आयोजित राजस्थानी हाट बाजार और श्रावण उत्सव के साथ प्रदेश की संस्कृति से रूबरू करवाते अलग-अलग कार्यक्रमों ने देशी-विदेशी आगंतुकों को अपनी ओर खूब आकर्षित किया। श्रावण उत्सव में तीज़ की सवारी, पतंगबाजी, झूलों के साथ सांस्कृतिक संध्या इत्यादि का सजीव चित्रण देश-विदेश में प्रसारित किया गया।
मुख्य आवासीय आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने श्रावण उत्सव में तीज माता की पूजा—अर्चना कर शोभा यात्रा का आगाज किया। शोभा यात्रा में तीज माता की पालकी की सवारी को राजस्थानी कलाकारों द्वारा बीकानेर हाउस परिसर में भ्रमण ​करवाया गया। राजस्थानी परिधानों में सज्जित महिलाओं ने मंगल कलश लेकर यात्रा की शोभा बढ़ाई। शोभा यात्रा की अगुवाई कच्छी घोड़ी कलाकारों द्वारा की गई।
शुभ्रा सिंह ने कहा कि ऐसे उत्सवों के माध्यम से राजस्थान सरकार नई दिल्ली के बीकानेर हाउस को ‘गेटवे ऑफ राजस्थान’ के साथ राजस्थानी कला संस्कृति का दर्शनीय केंद्र बनाना चाहती है। राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि तीज़ महोत्सव के उपलक्ष्य में राजस्थानी कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में आयोजित होने वाला यह बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप हम ऐसे राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राजधानी में स्थित बीकानेर हाउस को वर्ल्ड क्लास कल्चरल सेंटर बनाना चाहते हैं।
रूडा के ओमप्रकाश ने बताया कि उत्सव के दौरान बीकानेर हाउस परिसर में लगाए गए राजस्थानी हाट बाजार में राजस्थान के विभिन्न अंचलों के राष्ट्रीय एवं राज्य पुरस्कार प्राप्त आर्टिजंस ने लगभग 40 स्टॉलों पर अपनी कला का सजीव प्रदर्शन कर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। रुडा के मयंक जोशी ने कहा कि इस हाट बाजार में आगंतुकों ने जहां एक ओर राजस्थान के हस्त कलाकारों द्वारा निर्मित उत्पादों जैसे कोटा डोरिया, सांगानेरी प्रिंट, मोजड़ी, जयपुर बैंगल्स, मिट्टी के बर्तन, पेंटिंग्स, फर्नीचर इत्यादि की खूब खरीदारी की, वहीं दूसरी ओर राजस्थान के खानपान जैसे दाल-बाटी-चूरमा आदि स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखा। उन्होंने बताया कि इस छ: दिवसीय राजस्थान उत्सव के दौरान रूडा के माध्यम से लगाए गए राजस्थानी हाट बाजार में आर्टिजंस की 32 लाख रूपये से ज्यादा की बंपर सेल हुई है, जो कि एक रिकॉर्ड है।

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