अंधे, बहरे सिस्टम पर जब तक चोट नहीं पड़ती है, तब तक इस नाकारा सिस्टम की आंखें नहीं खुलती है। शनिवार को सोश्यल मीडिया में राजस्थान के सबसे बड़े कोविड डेडिकेटेड अस्पताल आरयूएचएस परिसर और इसके आस-पास पड़े मेडिकल वेस्ट ( Medical waste) को लेकर एक वीडियो वायरल हो गया, फिर क्या था सिस्टम को होश आ गया और आनन-फानन में सभी चाक-चौबंद हो गए और आयूएचएस की सफाई शुरू हो गई।
वायरल वीडियो में आरयूएचएस के बाहर पड़ी गंदगी और अव्यवस्थाओं को दर्शाया गया था, कि किस तरह आरयूएचएस के बाहर मेडिकल वेस्ट बिखरा पड़ा है और मजबूरी में मरीजों के परिजन इसी गंदगी के बीच पेड़ों की छांव में बैठे हैं, जिससे इनके भी संक्रमित होने का खतरा है। वीडियो वायरल होने के बाद नगर निगम ग्रेटर का सफाई अमला मौके पर पहुंचा और सफाई शुरू हो गई। इसी के साथ ही सफाई का वीडियो जारी कर क्रेडिट लेने की कोशिशें भी शुरू हो गई कि महापौर महोदया ने तुंरत संज्ञान लिया है।
इसी दौरान ग्रेटर आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने भी आदेश जारी कर ग्रेटर के सभी जोन उपायुक्तों को निर्देशित किया है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप जोरों पर फैला हुआ है। इसके संक्रमण को रोकने के लिए ग्रेटर क्षेत्र में संचालित सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के बाहर फैले कचरे की सफाई आवश्यक है। अस्पतालों के बाहर विशेष सफाई कराई जाकर एकत्रित कचरे को निस्तारित कराया जाए। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
वहीं दूसरी ओर ग्रेटर की सांगानेर जोन उपायुक्त आभा बेनीवाल ने भी आरयूएचएस के अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि आपके अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों द्वारा उपयोग में लिए गए मास्क, दस्ताने, पीपीई किट आरयूएचएस परिसर के बाहर सड़क किनारे फेंक दिए जाते हैं, जिससे संक्रमण बढ़ने की संभावना है।
इस लिए अस्पताल प्रबंधन उपचार करा रहे मरीजों के परिजनों को पाबंद करे कि वे उपयोग में लाए हुए मास्क, दस्ताने और पीपीई किट निर्धारित स्थान पर ही डालें। साथ ही अस्पताल बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाली फर्म को भी पाबंद करे कि वह इस कचरे का नियमित रूप से निस्तारित कराएं।
बड़ा सवाल, सड़क पर पड़ा मेडिकल वेस्ट कौन उठाए
इस पूरे प्रकरण में नगर निगम की ओर से मेडिकल वेस्ट उठाने के लिए अनुबंधित कंपनी के लोगों का कहना है कि यह वीडियो आरयूएचएस के बाहर सड़क किनारे का है। कंपनी की ओर से अस्पतालों के अंदर से मेडिकल वेस्ट उठाया जाता है। यदि अस्पतालों के बाहर वेस्ट पड़ा है, तो उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि सड़कों पर पड़ा मेडिकल वेस्ट कौन उठाए? अस्पताल को छोड़ दें तो शमशान, कब्रिस्तान, सड़कों, खाली जमीनों पर भी उपयोग में लिए मास्क, दस्ताने और पीपीई किट पड़े रहते हैं।