कृषिजयपुर

राजस्थान (Rajasthan) में बेमौसमी बारिश (unseasonal rains) से फसलों (crops) में नुकसान की होगी विशेष गिरदावरी (Girdawari)

राजस्थान (Rajasthan) में बेमौसमी बारिश (unseasonal rains)  से फसलों (crops) के नुकसान की होगी विशेष गिरदावरी (Girdawari) कराई जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसमी बारिश से फसलों को हुए नुकसान पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि जिला कलेक्टर फसलों में हुए नुकसान का जल्द आंकलन कराएं, जिसके आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की कार्यवाही की जा सके।

गहलोत फसलों में नुकसान को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में समीक्षा कर रहे थे। संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर तथा कृषि विभाग के अधिकारी भी इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश में डीएपी खाद की उपलब्धता एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजे के वितरण की भी समीक्षा की।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दलहनी एवं तिलहनी फसलों में डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) के उपयोग को बढ़ावा देगी। प्रदेश में एसएसपी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है और स्थानीय स्तर पर इस उर्वरक का उत्पादन भी हो रहा है। ऐसे में जिला कृषि अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक के रूप में इस खाद के उपयोग को अपनाने की सलाह दें। किसानों को बताया जाए कि सिंगल सुपर फॉस्फेट तथा यूरिया का मिश्रण तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की तरह ही लाभदायक और किफायती है।

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि विभाग की ओर से गोष्ठियों एवं कॉल सेंटर के माध्यम से किसानों को एसएसपी के उपयोग के लिए लगातार जागरुक किया जा रहा है। जिला कलेक्टरों को भी डीएपी के समुचित वितरण के संबंध में मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में कृृषि विभाग की ओर से बताया गया कि 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के दौरान राज्य के कई जिलों में बेमौसमी बरसात से खरीफ की सोयाबीन, धान, मूंग, बाजरा एवं उड़द की फसलों को नुकसान पहुंचने की सूचना प्राप्त हुई है। इसी प्रकार जिन खेतों में रबी की सरसों एवं चने की बुआई हो गई थी, उनमें भी बीज नष्ट होने के कारण किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ेगी। विशेषकर पूर्वी राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, दौसा आदि जिलों में फसलों में नुकसान की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।

कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि इस वर्ष जुलाई में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष गिरदावरी कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों-बारां, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर एवं टोंक के 3704 गांवों में 6 लाख 79 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक खराबे का आकलन किया गया है। जिसके आधार पर करीब 12 लाख 11 हजार प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित किए जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के मुआवजे का प्रावधान है।

Related posts

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होस्बले के साथ संघ कार्यालय में…! जानिए कौन हैं होस्बले, कौन हैं एस सोमनाथ और क्या रिश्ता है दोनों का..?

Clearnews

औषधि नियंत्रक कराएंगे ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित

admin

भजनलाल सरकार ने किसानों को दी राहत, जमीन नीलामी पर रोक

Clearnews