कैलिफ़ोर्निया। करीब 9 महीने के अंतरिक्ष अभियान के बाद, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने फ्लोरिडा तट के पास सफलतापूर्वक पानी में लैंडिंग (स्प्लैशडाउन) की। इस वापसी में NASA की अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स, बटच विलमोर, निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव सुरक्षित पृथ्वी पर लौटे।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि NASA के अंतरिक्ष यात्री ठोस ज़मीन पर उतरने की बजाय समुद्र में लैंडिंग क्यों चुनते हैं?
आइए, विज्ञान के नजरिए से समझते हैं..
स्प्लैशडाउन क्या होता है और यह कैसे काम करता है?
स्प्लैशडाउन का मतलब है किसी अंतरिक्ष यान का समुद्र या महासागर में पैराशूट की मदद से उतरना।
NASA ने अपने स्पेस शटल प्रोग्राम से पहले लगभग सभी मानव मिशनों में यही तरीका अपनाया था। हालाँकि, रूस की Soyuz और चीन की Shenzhou जैसे यान भी आपातकाल में यह विकल्प अपना सकते हैं।
स्प्लैशडाउन की प्रक्रिया:
• पृथ्वी की ओर लौटते समय स्पेसक्राफ्ट को धीमा करना जरूरी होता है, क्योंकि वह अंतरिक्ष से लौटते हुए बहुत अधिक गति (kinetic energy) से आता है।
• वायुमंडल में प्रवेश करते समय यह घर्षण (friction) पैदा करता है, जिससे गति कम होती है लेकिन इससे बहुत ज्यादा हीट (thermal energy) भी बनती है।
• SpaceX के Starship रॉकेट में यह तापमान 3,000°F (1650°C) तक पहुँच जाता है।
इसलिए सिर्फ घर्षण से स्पेसक्राफ्ट को सुरक्षित रूप से धीमा नहीं किया जा सकता। ऐसे में वैज्ञानिकों ने पाया कि पानी एक बेहतरीन “शॉक एब्जॉर्बर” है, जो गर्मी और ऊर्जा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को पानी में क्यों उतारा गया?
• पानी की तरलता (low viscosity) और कम घनत्व (low density) इसे एक आदर्श सतह बनाते हैं।
• यह ठोस जमीन की तुलना में अधिक तेजी से झटकों को सोख सकता है।
• साथ ही, पृथ्वी की 70% सतह पानी से ढकी है, जिससे पानी में उतरने की संभावना ज्यादा होती है।
स्प्लैशडाउन के क्या फायदे हैं?
1. मुलायम लैंडिंग में सहायक:
महासागर का विशाल क्षेत्र सुरक्षित उतरने की जगह देता है। पानी तकिए की तरह काम करता है और अंतरिक्ष यान को क्षति से बचाता है।
2. पहुँच में आसान प्लेटफ़ॉर्म:
जब अंतरिक्ष तकनीक कम विकसित थी, तब महासागर जैसी बड़ी सतह पर उतरना सुविधाजनक और व्यावहारिक विकल्प था, क्योंकि इससे सटीक लैंडिंग की ज़रूरत नहीं होती थी।