राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कर्नाटक के शिवमोगा जिले के इस्लामिक स्टेट (आईएस) साजिश मामले में 9 लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट के मुताबिक आरोपी भविष्य में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए रोबोटिक्स कोर्स करने वाले थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों ने आईएसआई की साजिश के तहत लोगों को डराने और कई स्थानों पर रेकी करने के लिए शिवमोगा में एक आइईडी ब्लास्ट किया था। वे आतंकी और हिंसक घटनाओं को बढ़ाकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे।
सभी आरोपी कर्नाटक के रहने वाले
एजेंसी ने शुक्रवार को दाखिल अपनी चार्जशीट में मोहम्मद शारिक (25), माज मुनीर अहमद (23), सैयद यासीन (22), रीशान ताजुद्दीन शेख (22), हुजैर फरहान बेग (22), माजिन अब्दुल रहमान (22), नदीम, अहमद के ए (22), जबीउल्ला (32) और नदीम फैजल एन (27) को आरोपी बनाया है। ये सभी कर्नाटक के रहने वाले हैं। सभी आरोपियों पर एनएसए लगाया गया है।
पांच आरोपियों ने मैकेनिकल-इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पढ़ी
9 में से 2 आरोपियों माज मुनीर अहमद और सैयद यासीन के खिलाफ मार्च 2023 में भी चार्जशीट दाखिल की गई थी। वहीं, पांच आरोपियों- माज मुनीर अहमद, सैयद यासीन, रीशान ताजुद्दीन शेख, माजिन अब्दुल रहमान और नदीम अहमद ने मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्हें आईएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने और भविष्य में आंतकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए रोबोटिक्स कोर्स करने के लिए कहा गया था।
शारिक, माज और सैयद ने साथियों को कट्टरपंथी बनाया
एनआईए को जांच में पता चला है कि मोहम्मद शारिक, माज मुनीर अहमद और सैयद यासीन ने आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए विदेश स्थित आईएस हैंडलर के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची थी। तीनों ने अपने साथियों को कट्टरपंथी बनाया और संगठन में भर्ती किया। पिछले साल कर्नाटक के शिवमोगा में ब्लास्ट हुआ था। 19 सितंबर, 2022 को शिवमोगा ग्रामीण पुलिस ने मामले में केस दर्ज किया। 15 नवंबर 2022 को एनआईए ने केस अपने हाथ में लेकर फिर केस दर्ज किया था। मामले की जांच अभी भी जारी है।