जयपुर। सरकार के सख्त निर्देशों, तीन तरह की कमेटियों, मुख्य सचिव की निगरानी, अलग से बॉयलॉज के बावजूद वर्ल्ड हैरिटेज सिटी घोषित हो चुके परकोटे में प्राचीन हवेलियों को ध्वस्त करने का सिलसिला रुक नहीं रहा है। राजनीतिक रसूख और पैसों के बल पर धरोहरों को खत्म कर कॉम्पलेक्स खड़े करने का खेल बदस्तूर जारी है और सरकार, नगर निगम हैरिटेज व हैरिटेज कमेटियां सोई पड़ी है। यूनेस्को तक इसकी लगातार शिकायतें पहुंच रही है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं है जबकि जयपुर का वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा छिनते देर नहीं लगेगी।
ताजा मामला चौड़ा रास्ता में जयपुर कॉलेज के नाम से विख्यात हवेली को ध्वस्त करने का है। बताया जा रहा है कि भूमाफियाओं द्वारा मुख्य सड़क पर स्थित इस हवेली को अंदर से तोड़ कर नवीन निर्माण का कार्य शुरू किया जा चुका है, जबकि बाहरी दीवारों को अभी नहीं तोड़ा गया है। हैरानी की बात यह है कि यह हवेली वर्ल्ड हैरिटेज सिटी के तहत हवेलियों को चिन्हित करने के लिए किए जा रहे सर्वे में शामिल है।
जानकारी में आया है कि नगर निगम हैरिटेज के किशनपोल जोन की ओर से इस हवेली को लेकर नोटिस भी जारी किया गया था और उसमें भी सर्वे का हवाला है, इसके बावजूद हवेली को ध्वस्त कर दिया गया। नगर निगम की ओर से सिर्फ नोटिस जारी कर अपने दायित्वों की इतिश्री कर ली गई। ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार में ऊंची रसूख के चलते यह निर्माण चल रहा है, जिसे रुकवाने की हैसियत नगर निगम में नहीं है।
धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक एडवोकेट भारत शर्मा ने बताया कि चौड़ा रास्ता स्थित इस हवेली को तोड़कर व्यावसायिक भवन निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए हवेली मे स्थापित प्राचीन भोमिया जी के मंदिर को भी ध्वस्त कर दिया गया है। जिसका धरोहर बचाओ समिति राजस्थान घोर विरोध करती है।
धरोहर बचाओ समिति की ओर से इस बेहद गम्भीर विषय की शिकायत प्रधानमंत्री, राजस्थान के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, यूनेस्को डायेक्टर, जयपुर जिला कलेक्टर आदि को की गई है और दोषियों के खिलाफ अतिशीघ्र कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। इस प्रकरण में अतिशीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो धरोहर बचाओ समिति न्यायालय की शरण लेने के साथ ही सड़कों पर आन्दोलन के लिए उतरेगी।
निगम के आदेश हुए हवा
नगर निगम हैरिटेज के आयुक्त ने कुछ ही समय पूर्व हैरिटेज भवनों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इन आदेशों के तहत परकोटा क्षेत्र के मुख्य बाजारों के दोनो तरफ हैरिटेज महत्व के चयनित 1575 भवनों के मरम्मत या पुनर्निमाण के लिए तीन स्तरों पर हैरिटेज सेल, टेक्निकल हैरिटेज कमेटी और निगम की भवन निर्माण एवं संकर्म समिति से अनुमति लेनी होगी। जयपुर कॉलेज के नाम से विख्यात यह हवेली हैरिटेज सेल की ओर से चिन्हित है।
ऐसे में इस हवेली को ध्वस्त किया ही नहीं जा सकता है, फिर कैसे यह हवेली ध्वस्त हो गई और कैसे यहां नवीन निर्माण कार्य शुरू हो गया? इन सवालों के जवाब नगर निगम हैरिटेज के अधिकारियों और महापौर को देने होंगे।