मंत्री धारीवाल ने शिविरों का आकस्मिक निरीक्षण किया, पट्टे अटकाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड करने के दिए निर्देश
राजस्थान (Rajasthan) में प्रशासन (administration) शहरों (cities) के संग अभियान (campaign) आशाओं (expectations) पर खरा नहीं उतर रहा है। नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग मंत्री शान्ति धारीवाल ने प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 के तहत बुधवार को नगर निगम जयपुर ग्रेटर मुख्यालय एवं मालवीय नगर जोन में लगाये गए शिविरों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान राजकीय कार्यो में उदासीनता और लापरवाही बरतने पर एक राजस्व अधिकारी डी.के. भंबानी, एक कनिष्ठ सहायक राजेन्द्र कुमार को निलंबित कर दिया। वहीं सहायक नगर नियोजक संतोष मीणा को 17 सी.सी. नोटिस और वरिष्ठ सहायक जगदीश प्रसाद सैनी को 16 सी.सी. नोटिस दिया गया।
जयपुर ग्रेटर मुख्यालय और मालवीय नगर जोन में लगाये गये शिविरों के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग के सलाहकार डॉ जी.एस. सन्धू, प्रमुख शासन सचिव कुन्जी लाल मीणा, शासन सचिव भवानी सिंह देथा, निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव दीपक नन्दी, आयुक्त नगर निगम ग्रेटर यज्ञमित्र सिंह देव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
धारीवाल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने जनहित में प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 चलाया है, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाना है। प्रदेश की किसी भी नगरीय निकाय का आकस्मिक निरीक्षण किया जा सकता है। राजकीय कार्यों में उदासीनता बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। अभियान धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। दो अक्टूबर के बाद मात्र पांच कार्य दिवसों में 30000 से अधिक पट्टे दिये जा चुके है और अन्य कार्य किये जा चुके है। कार्यों में और तेजी लाई जाएगी तथा अधिक से अधिक लोगों को राहत दी जाएगी। जयपुर ग्रेटर में 90 पट्टे दिये जा चुके है तथा शेष पट्टे शीघ्र दिए जाएंगे।
धारीवाल ने कहा कि धारा 69-ए के तहत प्राप्त आवेदनों का, आवेदन तिथि पर ही अखबारों के माध्यम से आपत्तियां आमंत्रित की जाए। इसी प्रकार अन्य प्रकरणों में नियमानुसार आवश्यक प्रक्रिया संपादित कर आवेदक को पट्टा दिया जाए। नाम हस्तांतरण के प्रकरणों का आवेदन तिथि पर ही निस्तारण किया जाए। सुविधा क्षेत्रों व अन्य प्रतिबन्धित क्षेत्रों से सम्बन्धित पट्टे के लिए प्राप्त आवेदनों का निस्तारण आवेदन प्राप्ति तिथि पर कर आवेदक को सूचित किया जाए।
किसी भी प्रकरण में जोन उपायुक्त द्वारा पत्रावली मुख्यालय नहीं भिजवाई जाए। सभी जोन उपायुक्तों को एम्पावर्ड कमेटी के अधिकार प्राप्त है। इसलिए जिस दिन पट्टा तैयार हो उसी दिन आवेदक को सूचित कर पट्टा दिया जाए। शिविर में प्राप्त होने वाली अन्य समस्याओं का मौके पर त्वरित गति से निस्तारण कराया जाए। नाम हस्तांतरण के प्रकरणों में मौका देखने संबंधित टिप्पणीयां पत्रावली पर नहीं की जाए और ना ही मौका देखा जाए। एम्पावर्ड कमेटी की बैठक नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय पर हर हफ्ते के पांचवे दिन बुलाई जाए और लम्बित प्रकरणों का निस्तारण आवश्यक रूप से किया जाए।
शिविर के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान धारीवाल ने पट्टा लेने व अन्य कार्यों को कराने के लिए उपस्थित लोगों की लगभग 2 घण्टे तक सुनवाई की और स्वयं लम्बित पत्रावलियों का निरीक्षण किया। शिविर में मंत्री के साथ उपस्थित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पत्रावलियों का निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ पत्रावलियां 2-3 वर्षों से पूर्व की लम्बित पायी गयी तथा कुछ प्रकरण 18 से 20 साल पुराने भी मिले। जिनका मौके पर पत्रावलियों का अध्ययन कर निस्तारण कराया गया।
शिविरों में नाम हस्तांतरण के प्रकरण में देरी करने पर वरिष्ठ सहायक जगदीश प्रसाद सैनी को 16 सी.सी. नोटिस और राजस्व अधिकारी डी.के. भंबानी को मौका निरीक्षण करने की टिप्पणी पर मौके पर ही निलंबन के आदेश थमाये गये। वर्ष 2018 से लम्बित एक पत्रावली के निरीक्षण के दौरान निर्धारित अवधि में पट्टा नहीं देने पर सहायक नगर नियोजक संतोष को 17 सी.सी. का नोटिस दिया गया।
मालवीय नगर जोन के निरीक्षण के दौरान वहॉ पर प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान 2 पट्टे जारी किये जाने पर धारीवाल ने उपायुक्त सुरेश चन्द चैधरी को फटकार लगाई। जोन में कुल 311 आवेदन आए, जिनमें से 100 आवेदकों के पट्टे की पत्रावलियॉ तैयार की जा चुकी है। जिन्हें एम्पावर्ड कमेटी के पास भेजा जाएगा। इस पर धारीवाल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि अब तक प्राप्त सभी आवेदकों को एक सप्ताह के भीतर नियमानुसार पट्टे दे दिये जाएं। अनेकों पत्रावलियों को अनावश्यक रूप से निरस्त करने वाले कनिष्ठ सहायक राजेन्द्र कुमार को निलंबित करते हुए धारीवाल ने निर्देश दिए कि वे एवं उपायुक्त सभी पत्रावलियों का नियमानुसार एक सप्ताह में निस्तारण भी करेंगे।
35 साल से लम्बित प्रकरण में पट्टा दिलवाया गया
मालवीय नगर जोन शिविर में निरीक्षण के दौरान सलाहकार, नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग डॉ जी.एस. सन्धू, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग कुन्जी लाल मीणा, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने पत्रावलियों का निरीक्षण किया इस दौरान वर्ष 1976 की एक लम्बित पत्रावली प्राप्त हुई। जिसमें आवेदक द्वारा मूल आवंटी के निधन के बाद उसकी पुत्री द्वारा हकत्याग दत्तक पुत्र के पक्ष में किये जाने के संबंध में पट्टा चाहा गया था। जो आज तक नहीं दिया गया था। मौके पर ही कुन्जी लाल मीणा ने संबंधित आवेदक को बुलवाकर पट्टा दिलवाया। इसी प्रकार एक निरस्त पत्रावली का अवलोकन करते हुए शासन सचिव, स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने पाया कि राजापार्क के आवेदक प्रेमदास लोपाराम द्वारा 69ए धारा में पट्टा लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है तथा पत्रावली में सभी आवश्यक प्रमाणित दस्तावेज लगे हुए है। जिसमें गत 35 वर्षों के बिजली व पानी के बिल, गृहकर की रसीदें संलग्न है। परन्तु उक्त आवेदन को बिना किसी कारण के निरस्त कर दिया गया। धारीवाल ने आवेदक को तुरन्त पट्टा दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होनें उपायुक्त को निर्देश दिये कि बिना किसी कारण के किसी भी पत्रावली को निरस्त न करें तथा सभी लम्बित प्रकरणों एवं नवीन प्राप्त प्रकरणों का एक सप्ताह में निस्तारण करें एवं इस संबंध में उन्हें सूचना भिजवाएं।
प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान अब तक 33078 पट्टे दिये गये। भवन निर्माण के 2065 प्रकरणों का, नाम हस्तांतरण के 3300 प्रकरणों का, उपविभाजन के 413 प्रकरणों का, लीज मनी के 878 प्रकरण, इन्दिरा क्रेडिट कार्ड के 2500 प्रकरण एवं पेंशन के 4300 (जारी) प्रकरणों का निस्तारण किया गया।