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जयपुर के आराध्य गोविंददेव जी मंदिर में थमी फागोत्सव की धूम, अब होली की तैयारी

जयपुर के आराध्य देव गोविंददेव जी मंदिर में 10 मार्च से मची फागोत्सव की धूम बुधवार, 16 मार्च 2022 को मयूर नृत्य के साथ थम गई। मंदिर के सत्संग भवन में कोलकाता के पं. मालीराम शर्मा के भजन, शेखावाटी के कलाकारों की धमाल और बृज के रसियाओं के नृत्य की ऐसी त्रिवेणी प्रवाहित हुई कि उपस्थित हर श्रद्धालु होली के रंग में सराबोर हो उठा। गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी, प्रबंधक मानस गोस्वामी ने मालीराम शर्मा का स्वागत किया।

पं. जगदीश शर्मा की गणेश वंदना के साथ शुरू हुआ होली भजनामृत वर्षा अनुष्ठान पं. मोहन शर्मा के भजनों से होता हुआ भरतपुर के कलाकारों  के सामूहिक नृत्य के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि कार्यक्रम संपन्न होने के निर्धारित समय के बाद भी चलता रहा।

कोलकाता से आए पं. माली राम शर्मा ने होली खेलन आई रे ओ सांवरा…, मैं तो थारे रंग में रंग गई रे, राधा गोविंद री जोड़ी म्हाने प्यारी लागे रे….,राधा बरसाने आ जइयो बुलाय रही राधा प्यारी…,सुन बरसाने वारी बुलाय तेरो बनवारी…जैसे कर्णप्रिय भजनों की प्रस्तुतियां देकर सुधि श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। बृज के एक दर्जन महिला-पुरुष कलाकारों ने विष्णु शर्मा के निर्देशन में चारों धामों में निराला बृजधाम जैसे भजनों पर भक्ति नृत्य की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। कृष्ण-राधा और सखियों के स्वरुपों ने भजन के भावों के अनुरूप नृत्य की मनोरम छटा बिखेर कर खूब तालियां बटोरी। इन कलाकारों ने जब बरसाने की लठमार होली  की जीवंत प्रस्तुति दी सत्संग भवन तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजायमान हो उठा। राधा जी संग भगवान कृष्ण का मयूर नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा। मोर बनकर आए भगवान कृष्ण ने राधा जी संग नृत्य किया। इस दौरान पाश्र्व में बरसाने की मोरकुटि में रसिया मोर बन आयो… भजन गूंजता रहा।

धमाल से गूंजा सत्संग भवन: कल्चर ऑफ  मंडावा के कलाकारों ने गौरी शंकर के निर्देशन में फाल्गुनी धमाल की प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं के मन के तार झंकृत कर दिए। डेढ़ दर्जन से अधिक कलाकारों ने और ढप और चंग की थाप पर परंपरागत धमाल के साथ गींदड़ नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।

शेखवाटी के गौरीशंकर, अशोक कुमार सोनी, प्रदीप, अनिल, मनीष, संदीप, दीपक, देवकी, राहुल, रविन्द्र, रवि, स्वेता सहित डेढ़ दर्जन कलाकारों ने भर दे मायरो सावरिया नरसी को…धमाल गाई। इसी धमाल में रंग डारे रे सांवरियां, पगल्या री पायलड़ी बाजे, और रंग दे रे भाया और रंग दे, कानूड़ा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे, मिश्री को बाग लगा दे रसिया, मैं तो पीली पड़ गई रे रसिया,  गर जोर मेरो चाले, नैना नीचा कर ले, मुरली जोर की बजाई रे नंदलाला, घूंघट आड़े आग्यो रे… भजन के मुखड़े भी धमाल की राग में गाकर गाकर माहौल लो पूरी तरह फाल्गुनी कर दिया।

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास, पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी. पं. सुरेश मिश्रा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र सक्सेना मधुकर ने किया।

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