राजस्थान की राजधानी जयपुर(Jaipur) में मरुस्थलीय वनस्पतियों के संरक्षण के लिए तो एक पार्क तैयार हो चुका है, और अब जयपुर में नये बन रहे सिल्वन जैव विविधता वन (Sylvan Biodiversity Forest) में अरावली पर्वत श्रृंखला (Aravalli Mountains) की लुप्तप्राय (endangered) वनस्पतियों का संरक्षण (protection) किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा वर्ष 2020-21 की पालना में जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आगरा रोड पर लगभग 113 हैक्टेयर भूमि पर सिल्वन जैव विविधता वन का विकास किया जा रहा है। वन के संरक्षण एवं विकास को दृष्टिगत रखते हुए बुधवार को जेडीए आयुक्त और उद्यानिकी अधिकारियों के समक्ष कंसलटेंट डॉ राजीव खन्ना द्वारा पॉवर पोईन्ट प्रेजेंटेशन दिया गया।
जयपुर विकास आयुक्त गौरव गोयल ने बताया कि बजट घोषणा के अनुरूप जेडीए व वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से घाट की गूणी, आगरा रोड से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित सुमेल रोड पर वन विभाग की भूमि पर सिल्वन जैव विविधता वन विकसित किया जा रहा है।
इस वन में आमजन के भ्रमण हेतु ईको ट्रेल एवं वन अधिकारियों के निरीक्षण एवं सामुहिक पर्यवेक्षण हेतु निरीक्षण पथ बनाये जाएंगे। इस जैव विविधता वन में अरावली में पाई जाने वाली लुप्त प्राय वनस्पतियों का संरक्षण किया जाएगा।
जैव विविधता वन सिल्वन में पूर्व से लगे बेर के पौधों का संरक्षण किया जाएगा। यहां 32.5 हैक्टेयर भूमि में आमजन के स्वास्थ्य सुधार हेतु विभिन्न खंडों में औषधीय पौधे लगाए जायेंगे एवं 5 हैक्टेयर भूमि छ: ऋतुओं के अनुरूप फूलदार पौधे लगाये जायेंगे।
वन में 2 हैक्टेयर भूमि पर खुशबुदार पौधे/फूलदार पौधे रोपित किये जायेंगे। योगा एवं ध्यान हेतु विशेष स्थान विकसित किया जायेगा। वन में 4.3 हैक्टेयर भूमि पर पांच हजार पौधे निरीक्षण पथ एवं ईको टे्रल के साथ सघन वृक्षारोपण किया जायेगा और दस हैक्टेयर भूमि पर सघन वृक्षारोपण कर वाटिका क्षेत्र विकसित किया जायेगा।
वन में विभिन्न प्रकार के तितली प्रजनन क्षेत्र, मोर सरंक्षण क्षेत्र, चीतल प्रजनन क्षेत्र विकसित किये जायेंगे और आमजन के प्रात: व सायंकाल भ्रमण हेतु बनाये गये प्रवेश-निकास द्वार पूर्णत: ईकोफ्रें डली होंगे। वन क्षेत्र में करीब 50 हजार विभिन्न प्रकार की झाडियां लगायी जायेंगी एवं विभिन्न प्रकार के घास के बीज भी बोये जायेंगे।