स्थापित होंगे गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैम्पिंग साइट तथा कैरावेन पार्क
मुख्य सचिव ने ली ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन प्रोत्साहन स्कीम ‘ को लेकर बैठक
जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) सरकार ग्रामीण क्षेत्र (rural areas) में पर्यटन (tourism) की सम्मभावना बढाने को लेकर गम्भीर है। पर्यटन नीति-2020 में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है। इस के तहत ग्रामीण इलाकों मेें गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैम्पिंग साइट तथा कैरावेन पार्क जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में सोमवार को शासन सचिवालय में ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन प्रोत्साहन स्कीम ‘ को लेकर बैठक आयोजित हुई। बैठक में आर्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहन मिलने से स्थानीय हस्तकलाओं, दस्तकारियों, नृृत्यों एवं संगीत को व्यापक प्रचार-प्रसार मिलने के साथ ही ग्रामीण लोगों को रोजगार के अधिकाधिक अवसर प्राप्त होने की संभावना बढेगी।
आर्य ने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ गांवों की सभ्यता संस्कृति पर कोई विपरीत प्रभाव ना पड़े, इसके लिए स्कीम में स्पष्ट एडवाइजरी जारी की जानी चाहिए। इसके साथ ही इको सेंसेटिव क्षेत्र में आने वाले पर्यटन भवनों पर वन एवं पर्यावरण विभाग के सभी नियमों का सख्ती से पालन कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने प्रजेंटेशन के माध्यम ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन प्रोत्साहन स्कीम’ के प्रारूप को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इस स्कीम का मुख्य उदेश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश एवं रोजगार का सृजन करने के साथ वहां के हस्तशिल्प व स्थानीय उत्पादों का संरक्षण व प्रचार-प्रसार करना है। सरकार की मंशा है कि ग्रामीण पर्यटन विकसित होने से स्थानीय समुदाय की संस्कृति को लोग पहचान सकेंगे साथ ही राज्य के पारंपरिक खेलों को भी बढावा मिलने की संभावनाएं बढेंगी। राजस्थान ग्रामीण पर्यटन प्रोत्साहन स्कीम के तहत चार युनिट्स स्थापित होंगी।
गेस्ट हाउस
ग्रामीण क्षेत्रों में 6 से 20 कमरों तक पर्यटको को अस्थायी आवास एवं भोजन की सुविधा मिलेगी। यहां आवास मालिक या मैनेजर को परिवार सहित रहना आवश्यक होगा।
कृषि पर्यटन इकाई
यह कृषि, व्यावसायिक एवं औद्योगिक भूमि एवं न्यूनतम 2 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर स्थापित की जा सकेगी। इसके 20 प्रतिशत भाग पर निर्माण की अनुमति होगी। शेष 80 प्रतिशत भूमि ऊंट -घोड़ा फार्म, गौशाला, फसल आदि ग्रामीण परिवेश के लिए उपयोग में ली जा सकेगी।
कैम्पिंग साइट
इसके लिए कृषि, व्यावसायिक एवं औद्योगिक भूमि पर अनुमती होगी। न्यूनतम क्षेत्रफल 1 हैक्टेयर के 10 प्रतिशत भाग पर निर्माण की अनुमति होगी तथा 80 प्रतिशत भाग ऊंट फार्म, घोडा फार्म, फसल, पशुधन, बगीचे, ग्रामीण परिवेश हेतु उपयोग में लिए जा सकेंगे।
कैरावेन पार्क
पर्यटकों द्वारा मोबाईल वैन को पार्क करने के लिए कैरावेन पार्क स्थापित होंगे। यह न्यूनतम 1 हैक्टेयर क्षेत्रफल की कृषि, व्यावसायिक एवं औद्योगिक भूमि पर बनाये जा सकेंगे। यहां पर्यटकों के लिए खाना पकाने खाना खाने एवं सुविधाओं के निर्माण की अनुमति होगी। कैरावेन वाहन पार्क करते समय वैन में पर्यटकों की उपस्थिति आवश्यक होगी। यह सभी टूरिज्म यूनिट्स कम से कम 10 फीट चौड़ी सडक पर ही अनुमत होंगी।