हरकत में आई सरकार को घटानी पड़ी चौगान स्टेडियम में बन रहे खेल कॉम्पलेक्स की ऊंचाई, जयपुर के ‘वर्ल्ड हेरिटेज सिटी’ तमगे पर संकट के बादल
जयपुर। विरासत (heritage) संरक्षण का दम भरने वाली राजस्थान सरकार (Raj govt.) को आखिरकार यूनेस्को (UNESCO) ने आईना दिखा ही दिया। जयपुर के परकोटा शहर में विरासत के नुकसान और नवीन निर्माण परियोजनाओं को लेकर हाल ही में यूनेस्को ने राजस्थान सरकार को नोटिस (Notice) भेजा है। नोटिस में यूनेस्को गाइडलाइन के अनुसार चौगान स्टेडियम में बन रहे खेल कॉम्पलेक्स पर सवाल उठाए गए हैं। वहीं दरबार स्कूल में प्राचीन परकोटे को नुकसान पहुंचाए जाने व यहां भी नवीन निर्माण पर गंभीर आपत्तियां जताई गई हैं।
इस नोटिस के बाद से ही सरकार में अफरातफरी मच गई और सरकार को चौगान खेल कॉम्पलेक्स और दरबार स्कूल प्रोजेक्ट को लेकर निर्देश देने पड़ गए। जानकारी में आया है कि सरकार की ओर से जयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी को कहा गया है कि वह तुरंत चौगान खेल कॉम्पलेक्स की ऊंचाई को घटाए। वहीं दरबार स्कूल प्रोजेक्ट को लेकर भी विभिन्न दिशा निर्देश दिए गए हैं।
यूनेस्को द्वारा राजस्थान सरकार को नोटिस दिए जाने को काफी गंभीर मामला माना जा रहा है। जानकारी सामने आई है कि जयपुर में लगातार विरासतों को नुकसान पहुंचाए जाने, गाइडलाइन का उल्लंघन, हेरिटेज सिटी में नई निर्माण परियोजनाओं की शिकायतें यूनेस्को तक पहुंच रही थी। यूनेस्को की ओर से पूर्व में कई बार इसके खिलाफ नाराजगी जताई जा चुकी थी, इसके बावजूद विरासतों का नुकसान नहीं रुका तो, उन्हें सरकार को नोटिस भेजना पड़ा। इस पर भी यदि सरकार को समझ में नहीं आया, तो यूनेस्को जयपुर का वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का तमगा छीन सकती है।
क्लियर न्यूज ने उठाए थे मुद्दे
क्लियर न्यूज डॉट कॉल लगातर विरातस के साथ हो रही छेड़छाड़ के मुद्दे उठाता आ रहा है। क्लियर न्यूज ने 15 जून को ‘कहीं छिन न जाए वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा? यूनेस्को के ऐतराज के बावजूद परकोटे में जारी हैं परकोटे में नवीन परियोजनाएं’, 24 दिसंबर को ‘एक विरासत है ऐतिहासिक गुलाबी नगरी का परकोटा, दरबार स्कूल की जगह नई इमारत बनाने के लिए इसी परकोटे को ही ध्वस्त करने की कोशिश’, 25 दिसंबर को ‘कमीशन के फेर में धरोहरों को ढ़ेर कर रहा जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट’खबरें प्रकाशित कर इन मुद्दों को सबसे पहले उठाया था।
स्मार्ट सिटी कंपनी छिनवाएगी तमगा
जयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी का अधिकांश कार्यक्षेत्र वर्ल्ड हेरिटेज सिटी घोषित हो चुके परकोटा शहर और उसके बफर जोन में आता है। यहां कंपनी की ओर से कई परियोजनाएं शुरू की गई, लेकिन हर परियोजना में विरासत को लेकर कोई न कोई अडंगा लगता ही रहा, लेकिन मिलीभगत के चलते विरासत संरक्षण को भुलाकर कंपनी को कार्य करने की इजाजत दे दी गई। कंपनी में ऐसा कोई भी अधिकारी नहीं है, जो विरासत संरक्षण की एबीसीडी जानता हो, ऐसे में वह आए दिन विरासत को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। चौगान पार्किंग और स्पोर्टस कॉम्पलेक्स पर यूनेस्को सवाल उठा चुका है। कंपनी की कई अन्य परियोजनाओं पर यूनेस्को की नजर है, क्योंकि स्मार्ट सिटी कंपनी बिना हेरिटेज इम्पेक्ट असेसमेंट के प्राचीन विरासतों और भवनों के पास नई निर्माण परियोजनाएं लगातार चला रहा है, जो जयपुर के तमगे को छीनने का बड़ा कारण बन सकती है।
‘चौगान खेल कॉम्पलेक्स की हाइट घटाने की प्रक्रिया चल रही है। यूनेस्को गाइडलाइन के अनुसार सरकार ने जितनी हाइट घटाने का निर्देश दिया है, उतनी हाइट घटा दी जाएगी। दरबार स्कूल प्रोजेक्ट में भी सरकार की ओर से आए निर्देशों की पूरी-पूरी पालना की जाएगी।’
दिनेश गोयल, अधीक्षण अभियंता, जयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी