केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है कि अब सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कील (ओपीएस) और न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) यानी एकीकृत पेंशन योजना लॉन्च करने का फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने इस यूपीएस को मंजूरी भी दे दी है। यूपीएस. की एक विशेषता यह है कि इसके तहत 10 साल की नौकरी के बाद मिलेगी 10 हजार रुपए पेंशन जरूर दी जाएगी।
सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने जब से न्यू पेंशन स्कीम की शुरुआत की थी, तब से ही इसका राजनीतिक समीकरण साधने के लिए विरोध शुरू हो गया था। कर्मचारियों के बीत ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने की मांग जोर पकड़ती जा रही थी। इस बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि सरकार ने नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह अब सरकारी कर्मियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) यानी एकीकृत पेंशन योजना लॉन्च करने का फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर सहमति बनी है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस या यूपीएस में से एक चुनने का विकल्प होगा जो चूंकि यह यूपीएस अगले साल यानी एक अप्रैल से होगी इसलिए विकल्प का चुनने की सुविधा भी तब से ही मिलेगी।
क्या विशेष है यूपीएस में
– अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो रिटायरमेंट के तुरंत पहले के अंतिम 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में
– अगर किसी पेंशनभोगी को मौत होती है तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत परिवार को
– अगर 10 साल के बाद नौकरी छोड़ते हैं तो दस हजार रुपए पेंशन मिलेगी
– कर्मचारियों को अलग से अंशदान नहीं करना होगा, केंद्र सरकार 18 प्रतिशत अंशदान करेगी, कर्मचारी का अंशदान एनपीएस की ही तरह दस प्रतिशत।
– महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा।
– रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा इकट्ठा राशि से अलग से।
– हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन+डीए) का दसवाँ हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा।
इसके अलावा केन्द्रीय कैबिनेट ने तीन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दे दी, जिन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एकीकृत केन्द्रीय क्षेत्र योजना ‘विज्ञान धारा’ में विलय कर दिया गया है। ‘विज्ञान धारा’ योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में विज्ञानं व प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमता निर्माण के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना के कार्यान्वयन से शैक्षणिक संस्थानों में पूर्ण रूप से सुसज्जित अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं को बढ़ावा देकर देश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जाएगा।
पत्र सूचना कार्यालय के अनुसार इस योजना का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मेगा सुविधाओं तक पहुंच के बुनियादी अनुसंधान, टिकाऊ ऊर्जा, जल आदि क्षेत्र में उपयोग योग्य अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से सहयोगात्मक अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देना है। यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिदृश्य को मजबूत करने और पूर्णकालिक समतुल्य अनुसंधानकर्ताओं की संख्या में सुधार की दिशा में देश के अनुसंधान एवं विकास के आधार का विस्तार करने के लिए महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल के निर्माण में भी योगदान देगा।