केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार (20 दिसंबर) को लोकसभा में कहा कि 150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने का मुझे गर्व है। गृहमंत्री सदन में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान अपनी बात रख रहे थे।
कांग्रेस पर कसा तंज
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ‘पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने जा रहा है। कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें नहीं समझते हैं, मैं उन्हें कहता हूं कि अगर मन भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा, लेकिन अगर मन ही इटली का है तो कभी नहीं समझ आएगा।’
न्याय पर केंद्रित है नया कानून
इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को बदलने वाले यह तीन विधेयक मानव केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव लाने और दंड के बजाय न्याय पर केंद्रित है। आजादी के 75 साल बाद भी हम हर मेजेस्टी, ब्रिटिश किंगडम, द क्राउन, बैरिस्टर, रूलर जैसे अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।’
हमने जो वादा किया वह पूरा किया- गृहमंत्री
इस दौरान अमित शाह ने बिल की कई विशेषताएं भी बताई। उन्होंने कहा, ‘ये तीन विधेयक संविधान की भावना को प्रदर्शित करते हैं, लेकिन इटालियन मानसिकता वाले लोग इसे कभी नहीं समझेंगे।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि तीनों कानून न्याय, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने जो वादा किया वह पूरा किया। हमने अनुच्छेद 370 को रद्द किया, पूर्वोत्तर राज्यों में 70 फीसदी क्षेत्रों से एएफएसपीए हटा दिया, तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाया और संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया है।’
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