दुर्घटनादेहरादून

उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू मिशन में डीआरडीओ की एंट्री, भेजे जा रहे रोबोट..!

बीते रविवार को उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल के एक हिस्से के ढह जाने से उसमें 41 मजदूर फंस गए थेय जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है।
उत्तरकाशी टनल बचाव को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने कहा कि डीआरडीओ ने क्रमशः 20 किलो और 50 किलो वजन वाले 2 रोबोट भेजे हैं। ये रोबोट जमीन पर चलते हैं और यहां जमीन रेत की तरह काम कर रही है, हमें आशंका है कि रोबोट वहां चल पाएंगे या नहीं।’ उन्होंने कहा कि रोबोट्स को लेकर अभियान में मदद मिलेगी या नहीं, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष ने कहा कि टनल में राहत कार्यों के लिए सड़क मार्ग से बहुत सारी मशीनरी आ रही है। यहां सभी एजेसियां मोर्चे पर जुट गई हैं और भारी-भरकम मशीनें एक-दो दिन में यहां आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि बीआरओ इस छोर और बड़कोट छोर पर जहां भी जरूरत है, वहां सड़क बना रहा है, दोनों तरफ सड़कें तैयार हैं। अब हम मशीनरी का इंतजार कर रहे हैं। मशीनें बहुत भारी हैं, उन्हें हवाई मार्ग से नहीं ले जाया जा सकता।”
एक साथ पांच योजनाओं पर काम करने का फैसला
फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए एक साथ पांच योजनाओं पर काम करने का फैसला किया। इन पांच योजनाओं में सिल्क्यारा और बरकोट दोनों किनारों के एक सिरे से दूसरे सिरे तक ड्रिलिंग, फिर ऊपर से ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग और लंबवत ड्रिलिंग शामिल है।
श्रमिकों से लगातार हो रही बातचीत
अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाई और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है। चारधाम परियोजना के तहत यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा ढह गया था, जिससे उसमें फंसे 40 श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

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