श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह 6 बजे पूरे विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चार और ‘बद्री विशाल लाल की जय’ के नारों के साथ खोल दिए गए हैं। इस दौरान सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के जयकारे लगाते हुए नजर आए।
केदारनाथ के बाद अब उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम के भी कपाट खुल गए हैं। रविवार सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और ‘बद्री विशाल लाल की जय’ के नारों के बीच श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं और इसके मद्देनजर बद्रीनाथ धाम को खूबसूरत फूलों से सजाया गया है। ब्रह्ममुहूर्त में गणेश और द्वार पूजा की गई। इस दौरान सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के जयकारे लगाते हुए नजर आए। पहले दिन करीब 20 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। वहीं केदारनाथ में पहले दिन 32 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
आज प्रभु बदरी विशाल के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और पूर्ण विधि-विधान के साथ खोल दिए गए हैं। आप सभी भक्तजनों का चारधाम यात्रा में हार्दिक स्वागत और अभिनंदन!
जय बदरी विशाल..! pic.twitter.com/JqEbGkNB81
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) May 12, 2024
चार धाम यात्रा शुरू
विश्व प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट छह माह के अंतराल के बाद खुले हैं। पिछले साल 18 नवंबर से शीतकाल के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए थे। इसके साथ ही उत्तराखंड के चार धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। इससे पहले तीन धाम श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बीते शुक्रवार अक्षय तृतीया के दिन 10 मई को ही खोले जा चुके हैं। श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) द्वारा कपाट खोलने के लिए विशेष तैयारियां की गई थीं। कपाट खुलने के अवसर पर श्री बद्रीनाथ मंदिर को श्री बद्रीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से मंदिर समिति द्वारा सजाया गया है।
नवंबर तक चलती रहती है यात्रा
बद्रीनाथ यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है, जो मुख्य रूप से भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा की जाती है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र धाम बद्रीनाथ समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। तीर्थयात्रा आम तौर पर अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में शुरू होती है और नवंबर तक जारी रहती है।