जयपुरधर्म

5 दिवसीय महापर्व का दूसरा दिन रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी, आज करें यमराज से प्रार्थना करें कि परिवार किसी में अकाल मौत ना हो

नरक चतुर्दशी पर प्रदोष काल में यम दीपक प्रज्ज्वलित किया जाता है अतः 11 नवंबर को यम दीपक प्रज्ज्वलित किया जाएगा। इस दिन शाम को 05 बजकर 32 मिनट से सूर्यास्त होगा, उसके साथ ही प्रदोष काल शुरू हो जाएगा। ऐसे में आप शाम 05 बजकर 32 मिनट से यम का दीपक जला सकते हैं।
पांच दिवसीय दीप महापर्व पर्व का दूसरा पर्व है रूप चतुर्दशी। इस इस बार त्रयोदशी तिथि 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक रही। इसके बाद चतुर्दशी तिथि की शुरुआत हो गयी। अब तक चतुर्दशी तिथि का समापन अगले दिन यानी 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा। इस तरह 11 नवंबर की दोपहर को शुरू हुआ नरक चौदस का पर्व 12 नवंबर तक रहेगा। नरक चौदस को छोटी दीपावली भी कहा जाता है। यह त्योहार विशेषतौर पर उन लोगों को भी मनाना चाहिए जिन परिवारों में किसी की मौत आदि के कारण से यह त्योहार नहीं मनाया जाता हो। भगवान श्री कृष्ण ने इस दिन नरकासुर का वध किया था इसलिए इस दिन का नाम नरक चतुर्दशी पड़ गया।
इस तरह करें पूजनः- नरक चतुर्दशी पर संध्या समय सरसों अथवा तिल्ली के तेल के दीपक प्रज्ज्वलित करना चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर यानी घर के बाहर यम दीपक प्रज्ज्वलित करें और धर्मराज के साथ पितरों का विशेष ध्यान करें। उन्हें नमन करके जीवन में मंगल हो, इसकी कामना करनी चाहए। विशेषतौर पर इस दिन धर्मराज यमराज और पितरों से यह प्रार्थना करें परिवार में किसी की कभी अकाल मृत्यु न हो। ध्यान देने योग्य बात यह है कि जो भी दीप प्रज्ज्वलित करे वह पांच दीपक जरूर जलाएं। एक अपने पूजा घर में, दूसरा रसोई में, तीसरा पानी के स्थान के पास, चौथा पीपल के पेड़ के नीचे और पांचवा यम दीपक देर रात्रि का प्रज्ज्वलित करना चाहिए। उल्लेखनीय यह है कि यम दीपक चार मुखी होना चाहिए। रूप चतुर्दशी का मुहूर्त प्रदोष काल सायं 05 बजकर 32 मिनट से है।
अभ्यंग स्नान का समय
नरक चतुर्दशी पर सूर्योदय के पूर्व शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने की प्रक्रिया को अभ्यंग स्नान कहा जाता है। इस बार अभ्यंग स्नान का समय 12 नवंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक है।
नरक चतुर्दशी 2023 की पूजा विधि
नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन लें।
नरक चतुर्दशी के दिन यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और विष्णु जी के वामन रूप की विशेष पूजा की जाती है।
घर के ईशान कोण में इन सभी देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित करके विधि पूर्वक पूजन करें।
देवताओं के सामने धूप दीप जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं और मंत्रों का जाप करें।
काली चौदस 2023 की पूजा का मुहूर्त
नरक चतुर्दशी पर मां काली की पूजा रात में करते हैं। काली चौदस की पूजा का समय 11 नवंबर को है। इस दिन पूजा का मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट से देर रात 12 बजकर 39 मिनट तक है।
हनुमान पूजा 2023 मुहूर्त
नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की भी पूजा करने की परंपरा है। इस साल नरक चतुर्दशी पर हनुमान पूजा 11 नवंबर को रात में होगी। हनुमान पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट से देर रात 12 बजकर 39 मिनट तक है।

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