धर्मवाराणसी

ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट: असदुद्दीन ओवैसी को कौन बोला, ‘…बाबा तुम्हें भस्म कर देंगे’

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट पर एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ओर से सवाल उठाए जाने पर हिंदू पक्ष के मुख्य पैरोकार सोहन लाल आर्य ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने यहां तक कहा कि अनर्गल बयान बंद करो नहीं तो बाबा भस्म कर देंगे। ओवैसी ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की सर्वे रिपोर्ट पर अपने एक्स हैंडल से गुरुवार (25 जनवरी) को टिप्पणी की थी। उन्होंने दावा किया था कि सर्व रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है, साथ ही एएसआई पर निशाना साधा था।
क्या कहा था असदुद्दीन ओवैसी ने?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह (रिपोर्ट) पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में टिक नहीं पाएगी। रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है और वैज्ञानिक अध्ययन का मजाक उड़ाती है। जैसा कि एक महान विद्वान ने एक बार कहा था ‘एएसआई हिंदुत्व की दासी है।’
बता दें कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार (25 जनवरी) को कहा था कि सर्वेक्षण रिपोर्ट से संकेत मिला है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जैन ने मीडिया को बताया था कि एएसआई की 839 पन्नों वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रतियां गुरुवार देर शाम अदालत द्वारा संबंधित पक्षों को उपलब्ध करा दी गईं।
क्या कहा सोहन लाल आर्य ने?
हिंदू पक्ष के मुख्य पैरोकार सोहन लाल आर्य ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा, ‘ओवैसी के बयान पर हमें तरस आता है। अब अपने इस अनर्गल बयान बंद करो, नहीं तो ज्योतिर्लिंग बाबा तुम्हें भस्म कर देंगे।’
उन्होंने कहा, ‘…तुम कुरान की दृष्टि से भी कुरान की बात नहीं मानते हो। कुरान में स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी संप्रदाय, धर्म के आराध्य स्थल को तोड़कर बनाई गई मस्जिद पर खुदा कबूल नहीं करता, एक दृष्टि से अगर हो तो हमारा आराध्य स्थल हमको वापस कर दो, अन्यथा न तुम मुसलमान की दृष्टि से मुस्लिम नहीं हो पाते हो और कुरान की भी बात नहीं मानते हो…’
‘वैज्ञानिक प्रणाली के सारे साक्ष्य हैं’
सोहन लाल आर्य ने आगे कहा, ‘उनको (असदुद्दीन ओवैसी) इस तरह बयान नहीं देना चाहिए। वह जानते हैं कि सारे साक्ष्य हैं और वैज्ञानिक प्रणाली के सारे साक्ष्य हैं और 839 पेज का जिसमें साफ-साफ लिखा हुआ है कि वर्तमान ढांचा मंदिर तोड़कर बनाया गया और सबसे अच्छी बात ये है जो 2 सितंबर, 1669 में औरंगजेब का जो फरमान था, उसके षिलापट भी मिल गए हैं।’
आर्य ने कहा, ‘सबसे बड़ा प्रमाण है 17वीं शताब्दी के जो सिक्के मिले हुए हैं और तो और उसमें ध्वंस की हुईं गणेश जी और हनुमान जी की मूर्तियां मिली हुई हैं और कम से कम पचास से ज्यादा अर्घे और शिवलिंग मिले हुए हैं। कितना प्रमाण दिया जाए, सारे के सारे प्रमाण जो हैं वैज्ञानिक साक्ष्यों के हैं।’

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