राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने आरोप लगाया है कि सरकार (Rajasthan Government) के कुप्रबंधन के चलते राज्य में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। राजे ने शनिवार को बयान जारी करके कहा कि शहरों में ही नहीं, गांवों में भी बिजली कटौती से लोग परेशान हैं।
सबसे बड़ा सूरतगढ़ सुपर थर्मल पॉवर प्लांट ठप हो गया है। वहां कोयला नहीं मिलने के कारण 250-250 मेगावाट की सभी छह इकाइयां बंद हो गई हैं। इसके अलावा भी कई बिजली घर बंद हैं और कई बंद होने की स्थिति में हैं। इससे राज्य में विद्युत संकट (electricity crisis) पैदा हो गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोयले का भुगतान नहीं कर रही, इसलिए कोयला मिलना बंद हो गया। इससे बिजली उत्पादन ख़ासा प्रभावित हुआ है, जबकि हमारे समय में कोयले का समय पर भुगतान होता था, लिहाजा कोयले की कमी नहीं रहती थी। बिजली के उत्पादन में भी बाधा नहीं आती थी। वर्तमान में हालत यह है कि अब न आम उपभोक्ता को पर्याप्त बिजली मिल रही और न ही किसानों और उद्योगों को।
राजे ने कहा कि बिजली का स्थाई शुल्क और एनर्जी चार्ज बढ़ाकर इस सरकार ने उपभोक्ताओं पर भार डाल दिया। उपभोक्ताओं को वास्तविक रीडिंग की बजाय एवरेज बिल दिये जा रहे हैं। उपभोक्ता पहले से ज़्यादा भुगतान कर रहा है, लेकिन उसे बिजली पहले के मुक़ाबले बहुत कम मिल रही है। हमारे समय में तकनीकी खऱाबी को छोड़ कर शहरों में ही नहीं गांवों में भी करीब 24 घंटे बिजली मिलती थी। उन्होंने कहा कि बिजली नागरिकों की मूलभूत सुविधा है, इसलिए पर्याप्त बिजली मुहैया कराई जाये।