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राजस्थान में बोले उप राष्ट्रपति: ‘राम को नहीं मानना, संविधान निर्माताओं का अपमान’

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि संविधान में भी राम मंदिर का जिक्र है। जो लोग राम को नहीं मानते हैं, वे संविधान निर्माताओं का भी अपमान कर रहे हैं। राष्ट्र हित को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि संविधान में भी राम मंदिर का जिक्र है। संविधान में भी देखें तो राम-सीता और लक्ष्मण के फोटो छपे हुए हैं।
उन्होंने यह बात शनिवार को विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के मौके पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर ऑडिटोरियम में कही। वे यहां राष्ट्रीय सेमिनार बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। गौरतलब है कि कांग्रेस ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं जाने का फैसला किया है। धनखड़ के बयान को कांग्रेस के फैसले से जोड़कर ही देखा जा रहा है।
धनखड़ ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तरफ इशारा करते हुए कहा- यह आपको सौभाग्य मिला है और मुझे भी मिला है कि मैंने आज तक कोई छुट्टी नहीं ली है। अब आपको कोई छुट्टी नहीं लेनी होगी। समाज भी तभी काम करेगा, जब शरीर की तरह सभी अंग काम करेंगे। जब भारत आजादी के स्वर्णिम 100 साल मनाएगा, तब भारत दुनिया में सिरमौर होगा।
उपराष्ट्रपति ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा
कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने पिछली गहलोत सरकार पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा- पिछली सरकार के समय जब मैं राजस्थान आया तो मेरा हेलिकॉप्टर उतरने नहीं दिया। तब प्रेमचंद बैरवा के सहयोग से स्थानीय किसान ने जिला कलेक्टर को लिखकर दिया कि मेरे खेत में 3 नहीं, 13 हेलिकॉप्टर उतरवाएं।
स्वदेशी सामान अपनाने की अपील
धनखड़ ने आर्थिक राष्ट्रवाद पर जोर देते हुए स्वदेशी सामान अपनाने की अपील की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हम देश में वही आयात करें जो हमारे राष्ट्र के लिए अति आवश्यक है। भारत में वैल्यू एडिशन पर भी धनखड़ ने जोर दिया।
योग केवल योग दिवस तक सीमित नहीं
उप राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को उनके पिता के इलाज के लिए इलेक्ट्रोपैथी पद्धति अपनाने की सलाह दी। धनखड़ ने बताया कि वह भी इलेक्ट्रोपैथी पद्धति से इलाज करवा चुके हैं। हमारी इस पद्धति का दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है। धनखड़ ने कहा- 21 जून को दुनिया के हर कोने में योग दिवस मनाया जाता है। योग भारत की देन है। योग केवल योग दिवस तक सीमित नहीं है, बल्कि हर दिन योग का अपना महत्व है।
इलेक्ट्रोपैथी पद्धति इलाज की सबसे पुरानी पद्धति
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा- इलेक्ट्रोपैथी पद्धति से रोगों का इलाज हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष पद्धति का विस्तार किया जा रहा है। आजादी के अमृत काल में हमें देश की चिकित्सा पद्धति को समृद्ध बनाने की कोशिशें करनी हैं।
संत-महात्मा भी करते इससे इलाज
मुख्यमंत्री ने पुरानी बात बताते हुए कहा कि मैंने देखा था कि गांव में एक संत थे और उनके पास लोग आते-जाते थे। वह गांव के लोगों को दवाई देते थे। लोग उनसे पूछते थे कि यह दवाई क्या है। तब वह बताते थे कि मैं जंगल में जाता हूं और जड़ी-बूटियों से दवाई बनाता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दवाई से रोग का इलाज भी होता था। यह पद्धति इलाज की सबसे पुरानी पद्धति है।
इलेक्ट्रोपैथी में औधषीय पौधों से बनाई जा रही दवा
उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा- आज आयुर्वेदिक, एलोपैथी और होम्योपैथी पद्धति के साथ-साथ इलेक्ट्रोपैथी पद्धति से भी रोगों का इलाज हो रहा है। यह हर्बल पद्धति पर आधारित है। इसमें दवा केवल औषधीय पौधों से ही बनाई जा रही है। इसमें किसी तरह का केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह पद्धति देश के हर राज्य में प्रचलित है।
केंद्र भी बनाए इस पर कानून
इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने कहा- इलेक्ट्रोपैथी पद्धति के विस्तार को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में 2018 में इलेक्ट्रोपैथी पद्धति का एक्ट बना। वहीं, केंद्र सरकार से भी इसे लागू करने की मांग की गई है। कार्यक्रम में जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, विधायक कालीचरण सराफ सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा परिषद राजस्थान की ओर से आयोजित हुए इस कार्यक्रम में पहले इलेक्ट्रोपैथी से संबंधित शॉर्ट फिल्म दिखाई गई। इसके बाद इलेक्ट्रोपैथी साहित्य का विमोचन किया गया। उप राष्ट्रपति ने पौधारोपण भी किया।

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