जयपुर। जयपुर ग्रामीण पुलिस की विशेष टीम ने फर्जी वीआईपी प्रोफाइल बनाकर ठगी करने वाले शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी पिछले तीन सालों में करीब 500 लोगों से 15 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर चुका है। टीम ने आरोपी से वारदात में प्रयुक्त एक लैपटॉप, 8 मोबाइल, 25 सिम, 10 एटीएम कार्ड, तीन लाख 26 हजार रुपए की नकदी और ठगी की रकम से खरीदी गई बाइक बरामद की है।
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शंकरदत्त शर्मा ने बताया कि 25 वर्षीय अभियुक्त संदीप चौधरी झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौडजी के खिंवासर थाना इलाके का रहने वाला है और उसके मोबाइल में करीब 1 हजार वीआईपी प्रोफाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड नंबर मिले हैं और उसका अंतरराज्यीय ठगों से भी संपर्क था।
पुलिसवालों को भी नहीं बख्शा
जानकारी के अनुसार अभियुक्त ने सामोद थानाधिकारी हरबेंद्र सिंह का फर्जी व्हाट्सअप अकाउंट बनाया और उनकी प्रोफाइल फोटो लगाकर ठगी करने की फिराक में थे। इस फर्जी अकाउंट से एक मैसेज सामोद थाने के कांस्टेबल के पास भी गया था। कांस्टेबल ने इसकी जानकारी थाना प्रभारी को दी मामले का खुलासा हुआ और हरबेंद्र सिंह ने इस संबंध में सामोद थाने में प्रकरण भी दर्ज किया। थाना प्रभारी की प्रोफाइल लगे अकाउंट से गए मैसेज के बाद कई लोगों ने अभियुक्त के बताए अकाउंट में पैसे भी ट्रांसफर कर दिए थे।
गठित की टीम
ग्रामीण अधीक्षक के निर्देशों के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार कास्वां और वृत्ताधिकारी कोटपूतली दिनेश कुमार यादव के निर्देशन में प्रागपुरा थानाधिकारी प्रशिक्षु आईपीएस बृजेश ज्योति उपाध्याय को मामले की जांच सौंपी गई। टीम ने अभियुक्त के मोबाइल नंबर और अकाउंट नंबर की जानकारी की, लेकिन अभियुक्त दूसरे राज्यों के लोगों के दस्तावेजों का उपयोग कर रहा था और हर वारदात के बाद दस्तावेज बदल रहा था।
इस पर साइबर सेल से गहन तकनीकी विशलेषण करा कर अभियुक्त के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। अभियुक्त द्वारा इस्तेमाल किए गए सिम और डिजिटल अकाउंट नंबरों के आधार पर उसकी लोकेशन ट्रेस कर सीकर, झुंझुनूं और चूरू में ट्रेस कर संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई और उसे गुढ़ागौडजी बस स्टैंड पर दबोच लिया गया। पुलिस अभियुक्त से गहनता से पूछताछ कर रही है।
पूर्व में चढ़ चुका पुलिस के हत्थे
पुलिस द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार अभियुक्त ठगी प्रकरण में वर्ष 2018 में गुरुग्राम हरियाणा में गिरफ्तार हो चुका है। उसने प्रागपुरा थाना इलाके में भी इसी तरह की ठगी की वारदात कबूली है। इसके अलावा चंदवाजी थाना इलाके में भी इसी तरह का प्रकरण दर्ज है।
इस तरह करता था ठगी
पुलिस के अनुसार अभियुक्त पहले वीआईपी नम्बर प्राप्त करता था। उन नंबरों को जीमेल में यूजर आईडी की तरह यूज करता था। जिन नंबरों के पासवर्ड भी वही मोबाइल नंबर होते हैं उस ईमेल अकाउंट का एक्सेस अभियुक्त को मिल जाता था और वह ईमेल अकाउंट से सारे कांटेक्ट उठा लेता था। बाद में वह वीआईपी नंबर की पब्लिक डीपी उपयोग करके व्हाट्सअप अकाउंट बनाता था और फिर सारे कांटेक्ट पर विभिन्न बहाने बनाकर मैसेज कर पैसे मांगता था। कई लोग उसके झांसे में आकर पैसे उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर देते थे।