कांग्रेस ने राज्यपाल के खिलाफ ‘गेटवैल सून गवर्नर’ कैंपेन शुरू किया
जयपुर। विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल और सरकार के बीच रस्साकशी जारी है। मंगलवार को सरकार की ओर से तीसरी बार सत्र बुलाने के लिए प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा गया। सरकार अभी भी 31 जुलाई को सत्र बुलाने पर अडिग़ है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने घर पर मंत्रिमडल की बैठक ली। इस बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर चर्चा की गई। प्रस्ताव में राज्यपाल की ओर से उठाए गए बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई। करीब 2 घंटे तक चली इस चर्चा 31 जुलाई से ही सत्र आहूत करने पर सहमति जताई गई।
राजभवन की ओर से मांगी गई जानकारी भी बिन्दुवार दी गई। राज्यपाल की तरफ से सकारात्मक रुख नहीं दिखाए जाने पर गांधीवादी तरीके से लड़ाई जारी रखने के लिए भी चर्चा की गई।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने के लिए भेजे गए पहले प्रस्ताव का जवाब नहीं आने पर गहलोत ने राजभवन को घेरने की चेतावनी दी थी। इसके बाद सभी विधायक राजभवन जाकर धरने पर बैठ गए।
राज्यपाल ने 6 बिन्दुओं पर जानकारी मांगते हुए यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था। इसके बाद इन बिन्दुओं का जवाब देते हुए सरकार की ओर से दोबारा प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा गया था। राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को भी सोमवार को तीन बिन्दुओं पर जानकारी मांगते हुए ठुकरा दिया था। अब सरकार की ओर से तीसरा प्रस्ताव भेजा गया है।
बैठक के बाद मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में पास प्रस्ताव पर सवाल उठाने का राज्यपाल को कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। कैबिनेट की ओर से पास प्रस्ताव को मानने के लिए राज्यपाल बाध्य होते हैं। देश में संविधान का राज है। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप करने की बात कही।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यदि राजभवन से सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो हम फिर से कैबिनेट की बैठक बुलाएंगे। जरूरत पड़ी तो दिल्ली में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक जाएंगे।
कांग्रेस ने शुरू किया अभियान
सियासी रस्साकशी के बीच कांग्रेस ने सोश्यल मीडिया पर ‘गेटवैल सून गवर्नर’ हैशटेग अभियान शुरू कर दिया है। दिनभर सोश्यल मीडिया पर ‘गेटवैल सून गवर्नर’ हैशटेग ट्रेंड करता रहा। मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यपाल के खिलाफ गांधीवादी तरीके से लड़ाई का ऐलान कर दिया। कांग्रेस के कई केंद्रीय नेताओं ने भी इस मामले पर ट्वीट किए। गहलोत खेमे के सभी विधायकों के वीडियो सोश्यल मीडिया पर चलाए गए।