सरकार के साथ खड़े होने पर आदिवासी समाज को मिला इनाम
जयपुर। राजस्थान में चल रहे सियासी संग्राम के बीच आदिवासी समाज के विधायकों के सरकार के पक्ष में आने के कारण सरकार की ओर से भी आदिवासी समाज को ईनाम दिया गया है। विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में आगामी 9 अगस्त को सम्पूर्ण राजस्थान में सार्वजनिक अवकाश घोशित किया गया है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों की माँग पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्णय लिया है।
विधायकों की बाड़ेबंदी के समय भारतीय ट्राइबल पार्टी की ओर से भाजपा व कांग्रेस को समर्थन नहीं दिए जाने की घोषणा के कारण सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया था। बाद में किसी तरह गहलोत खेमे ने बीटीपी के दो विधायकों को मनाकर वापस खेमे में लाया गया। इस दौरान आदिवासी समाज के प्रतिनिधयों ने अपना माँगपत्र सरकार को सौंप दिया था। उसी पर अमल करते हुए सरकार ने आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी है।
विश्व आदिवासी दिवस पर राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी लोग धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। यह लोग इस दिन को आदिवासी परंपराओं और रीति-रिवाजों के उत्सव के रूप में मनाते हुए अपने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं और सामाजिक उत्सव के रूप में सामूहिक रूप से खुशियों का इजहार करते हैं। वर्तमान मे राज्य सरकार की ओर से आदिवासी दिवस के अवसर पर ऐच्छिक अवकाश घोषित है।
मुख्यमंत्री को आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष विधायक रामकेश मीणा, अन्य विधायकों महेंद्रजीत सिंह मालवीय, दयाराम परमार, रामनारायण मीणा, लाखन सिंह, रमीला खडिय़ा, गोपाल लाल मीणा, निर्मला सहरिया, लक्ष्मण मीणा, राजकुमार रोत, रामप्रसाद, गणेश घोघरा, कांति प्रसाद, रामलाल मीणा, इंद्रा मीणा, जौहरीलाल मीणा सहित आदिवासी समाज के अन्य जनप्रतिनिधियों ने सम्पूर्ण राजस्थान में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की माँग की थी। इसी माँग के चलते गहलोत ने आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।