जयपुर

भाजपा (BJP) में कौन (who) होगा बड़ा जाट चेहरा (Jat face)

किसान आंदोलन के बाद क्या बेनीवाल फिर बनेंगे भाजपा की तरफ से बड़ा जाट चेहरा!

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के नागौर-सीकर दौरे के बाद भाजपा में चर्चा तेज

जयपुर। भाजपा के चाणक्य अमित शाह के राजस्थान दौरे के तुरंत बाद प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का नागौर और शेखावटी का दौरा भाजपा (BJP) में चर्चा का विषय बन गया है। इस दौरे के बाद भाजपा में सवाल खड़ा हो रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का जाट का बड़ा (big) चेहरा कौन (Who) होगा? क्या किसान आंदोलन के समाप्त हो जाने के बाद राजस्थान में एक बार फिर हनुमान बेनीवाल को भाजपा के खेमे में लाया जाएगा? जबकि प्रदेशाध्यक्ष ने खुद जाट चेहरा बनने के लिए कमर कस ली है।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने सतीश पूनिया को जाट चेहरे के रूप में प्रदेशाध्यक्ष बनाया और उन्हें फ्री हैंड देकर स्थापित करने का भी पूरा प्रयास किया, लेकिन पूनिया इस कसौटी पर अभी खरे नहीं उतर पाए हैं। बानगी यह कि शाह ने जयपुर दौरे में पूनिया को कोई खास तवज्जो नहीं दी। यहां तक की उद्बोधन में उन्होंने पूनिया का नाम तक नहीं लिया।

शाह के दौरे में पूनिया को ज्यादा तवज्जो नहीं दिए जाने पर कहा जा रहा है कि भाजपा में अभी पूनिया को प्रमुख जाट चेहरे के तौर पर नहीं देखा जा रहा है। ऐसे में भाजपा की नजरें आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल पर ही जमी हुई हैं, क्योंकि वह जाट समाज के प्रमुख चेहरे के रूप में स्थापित हो चुके हैं।

किसान आंदोलन के कारण हनुमान बेनीवाल ने भाजपा से दूरियां बना ली थी और वह प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयासों में भी लग चुके थे। भाजपा हो या कांग्रेस कोई भी पार्टी नहीं चाहती है कि प्रदेश में कोई तीसरा मोर्चा नहीं उभरे, क्योंकि यदि तीसरा मोर्चा अस्तित्व में आता है, तो दोनों ही पार्टियों में बगावत का दौर शुरू होने के साथ-साथ सीटों में भी बंटवारा होगा।

भाजपा सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा हनुमान बेनीवाल को फिर से भाजपा के पाले में लाने की पूरी कोशिश करेगी, क्योंकि उनका भाजपा से नाराजगी का प्रमुख कारण तीनों किसान कानून दूर हो चुके हैं। बेनीवाल को भाजपा में लाने के कारण भाजपा को सीधे-सीधे 25 से 30 सीटों पर फायदा मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी, क्योंकि बेनीवाल न केवल जाट समाज में बल्कि पूरे ओबीसी वर्ग के युवाओं का प्रमुख चेहरा बन चुके हैं और प्रदेश की लगभग सभी विधानसभा सीटों पर ओबीसी वर्ग का वोट बैंक 60 से 65 फीसदी तक है।

पूनिया ने शुरू की कवायद
दूसरी ओर पूनिया ने अब जाट समाज का प्रमुख चेहरा बनने की कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश का मारवाड़ और शेखावटी बैल्ट का प्रमुख वोट बैंक जाट समाज है। ऐसे पूनिया ने भी इन क्षेत्रों में दौरे बढ़ा दिए हैं। शाह की यात्रा के तुरंत बाद उन्होंने नागौर का दौरा किया और उसके बाद वह सीकर-शेखावाटी के दौरे पर निकल गए।

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