टेक्नोलॉजी

अश्विनी वैष्णव ने भारत में बने सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन इंजन की तारीफ की

नयी दिल्ली। भारतीय रेलवे द्वारा विकसित हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाला एक इंजन, दुनिया में किसी भी देश द्वारा बनाए गए इंजनों से अधिक हॉर्सपावर आउटपुट देता है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके हासिल की गई है, जो भारत को हरित ऊर्जा के उपयोग में अग्रणी बनाकर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच नेतृत्व की ओर प्रेरित करती है। यह बात केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस के एक सत्र के दौरान कही।
उन्होंने कहा, “दुनिया में केवल चार देशों के पास हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें हैं, और उनके इंजन की क्षमता 500 से 600 हॉर्सपावर के बीच है। हमारे द्वारा निर्मित इंजन 1,200 हॉर्सपावर का आउटपुट देता है, जो इस श्रेणी में अब तक का सबसे अधिक है।” यह बात उन्होंने “ग्रीन कनेक्शन: प्रवासी भारतीयों का सतत विकास में योगदान” शीर्षक वाले सत्र में कही।
पहला ट्रायल हरियाणा में होगा
भारत में निर्मित यह हाइड्रोजन ट्रेन इंजन जल्द ही हरियाणा के जींद-सोनीपत मार्ग पर परीक्षण दौड़ के लिए तैयार है। इंजन का निर्माण पूरा हो चुका है और इसके सिस्टम इंटीग्रेशन का काम चल रहा है।
यह पूरी तरह से स्वदेशी प्रतिभा का परिणाम है। ऐसी तकनीकी उपलब्धियां भारत को अन्य उत्पादों और सेवाओं के निर्माण के लिए नई संभावनाएं प्रदान कर सकती हैं।
वैष्णव ने कहा, “जब हम इतने बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ट्रेन इंजन बना सकते हैं, तो ट्रकों, टगबोट्स और अन्य वाहनों के लिए इस तकनीक को अनुकूलित करने की संभावनाओं की कल्पना करें। स्वदेशी तकनीक विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए नई तकनीक विकसित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।”
प्रधानमंत्री की स्वदेशी तकनीक पर उम्मीदें
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन करते हुए आशा व्यक्त की कि एक दिन भारतीय पूरी तरह से भारत में निर्मित ट्रेनों में सफर करेंगे।
जलवायु परिवर्तन और हरित तकनीक
मॉरिशस सरकार के विदेश मामलों के कनिष्ठ मंत्री हम्ब्यराजन नरसिंघन ने जलवायु परिवर्तन के कारण उनकी देश में उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा की और भारत से हरित तकनीकी समाधान के लिए सहयोग मांगा।
प्रमुख प्रतिभागी
इस सत्र में अन्य प्रमुख प्रतिभागियों में नार्वे की मोरो बैटरीज के संस्थापक राहुल फोटेदार, मैक्सिको में यूपीएल के सीईओ जगदीश नैनवाल, स्विस बायोटेक एसोसिएशन, स्विट्ज़रलैंड के आदित्य येल्लेपेड्डी, वियतनाम के इंद्रनील सेनगुप्ता, और नाइजीरिया स्थित स्किपरसेल ग्रुप के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सचदेवा शामिल थे।

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