जयपुर

केन्द्रीय दल ने जैसलमेर के ग्रामीण अंचलों में सूखे की स्थिति का लिया जायजा

खेतों पर जाकर देखी अकाल की स्थिति, ग्रामीणों से लिया फीडबैक

जयपुर। खरीफ फसल में सूखे की स्थिति के कारण हुए नुकसान के आंकलन के लिए जैसलमेर पहुंचे अन्तर मंत्रालय केन्द्रीय दल के अधिकारी केन्द्रीय जल आयोग के निदेशक एच.एस. सेंगर एवं नीति आयोग नई दिल्ली के सहायक निदेशक शिवचरण मीणा ने ग्रामीण अंचलों का भ्रमण कर सूखे की स्थिति का जायजा लिया। किसानों के खेतों पर जाकर अकाल की स्थिति का निरीक्षण किया एवं वास्तविक हालात को जाना।

केन्द्रीय दल की टीम के अधिकारियों ने भोपा में ग्रामीणों के खेत पर जाकर अकाल की स्थिति का जायजा लिया एवं यहां पर किसानों से रूबरू होकर उनसे पूरी जानकारी ली। इस दौरान ग्रामीण सर्व गायड़ सिंह, गिरधर सिंह, नखत सिंह, लख सिंह, हमीर सिंह ने बताया कि हमारे यहां जुलाई के तीसरे पखवाड़े में बरसात हुई थी, उस समय हमने फसलों की बुआई की थी एवं इसके लगभग 45 दिन तक बरसात नहीं होने के कारण हमारी पूरी फसले खराब हो गई है। उन्होंने अध्ययन दल को बताया कि यहां पर पीने के पानी की भी समस्या है एवं घर के पैसे खर्च कर टेंकरों से पीने का पानी मंगवाया जाता है, जो हमारे लिए मुश्किल है। इसके साथ ही अकाल के कारण पशुधन के चारे की भी समस्या हो गई है। उन्होंने केन्द्र सरकार से शीघ्र ही पशु शिविर खोलाने के साथ ही अनुदानित दर पर चारा डिपो उपलब्ध कराने के लिए चारा डिपो चालू करने की मांग की।

इस दौरान ग्रामीणों ने पानी की समस्या बताई तो जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह ने अधीक्षण अभियंता जलदाय को निर्देश दिए कि वे भोपा में लोगों को समय पर पीने का पानी उपलब्ध कराने की उचित व्यवस्था करे।

केन्द्रीय दल ने ग्राम पंचायत रासला में राजीव गांधी सेवा केन्द्र में ग्रामीणों के साथ बैठक कर सूखे की स्थिति की विस्तार से उनसे जानकारी प्राप्त की। उन्होंने ग्रामीणों से सूखे के कारण पशुधन संरक्षण के लिए किस प्रकार से चारे की व्यवस्था होगी, पीने के पानी की कैसे व्यवस्था करेगे, वहीं रोजगार की जानकारी ली। यहां पर फतेहगढ़ समिति के प्रधान जनक सिंह, सरपंच रासला मुरीद खां, ग्रामीण भूराराम, दुर्जन सिंह, मुरीद खां ने अध्ययन दल के अधिकारियों को बताया कि सूखे के कारण किसानों के बुरे हालात है।

इस दौरान उन्होंने आवारा पशुओं के संरक्षण के लिए भी अलग से विशेष शिविर खुलवाने की भी बात कहीं ताकि ऎसे पशु भी चारे की उपलब्धता से बच सके। उन्होंने पशुओं के लिए भी सहायता विभाग के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने की बात कही।

अध्ययन दल ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि वे जिले की सूखे की स्थिति के बारें में राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार को अवगत कराएगे। उन्होंने कहा कि भ्रमण के दौरान वास्तव में यहां भारी अकाल पड़ा है, उसकी वस्तु स्थिति की जानकारी प्राप्त हुई है।

ग्रामीणों ने इस मौके पर जिला कलक्टर को रासला, भोपा के साथ ही आस-पास की ढ़ाणियों में जीएलआर में पानी नहीं आने की बात कही तो उन्होंने संवेदनशीलता दिखाते हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे वास्तविक स्थिति की जांच कर लोगों को समय पर पीने का पानी उपलब्ध करावें एवं इसके लिए गर्मी में पेयजल परिवहन के सम्बन्ध में कंटीजेन्सी प्लान स्वीकृत करवाकर टेंकरो से पेयजल परिवहन कर लोगों को समय पर पीने का पानी उपलब्ध कराएं।

अध्ययन दल ने सांगड़ में संचालित मामड़िया जी राष्ट्रीय समन्वय समिति गौशाला का भी निरीक्षण किया एवं वहां पर गौधन संरक्षण के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी ली। गौशाला के संचालक नारायणदान ने बताया कि इस गोशाला में संरक्षण की गई गौ संख्या की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां पर लगभग 400 से अधिक पशुओं का संरक्षण किया जा रहा है। उन्होंने पशुओं के संरक्षण के लिए सहायता राशि को अधिक बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई।

Related posts

दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से तीसरे टेस्ट मैच में हार के बाद कोहली (Kohli) ने छोड़ी (relinquished) कप्तानी (captaincy)

admin

‘मिड करियर क्राइसिस’ (‘Mid Career Crisis’) के शिकार (Victim) हैं.. ऐसे में एक ब्रेक (break) तो बनता है !

admin

शिक्षण संस्थान (Educational Institutions) खोलने के संबंध में गृह विभाग (Home Department) जल्द जारी करेगा दिशा-निर्देश (Guidelines)

admin