जयपुर

राजस्थान में ओलावृष्टि, पाला व शीतलहर से हुए नुकसान का आकलन के लिए विशेष गिरदावरी

14 लाख 92 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक फसल खराबा होने की सूचना

जयपुर। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा है कि राज्य सरकार ने ओलावृष्टि, पाला व शीतलहर से रबी फसल में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कटारिया सोमवार को विधानसभा में पाला व शीतलहर से उत्पन्न स्थिति के संबंध में सरकार की ओर से वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में रबी फसल में 109 लाख 55 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार गेहूं की फसल के 29 लाख 65 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से लगभग 42 हजार हैक्टेयर, जौ फसल के 4 लाख 8 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से 19 हजार हैक्टेयर, चना फसल के 20 लाख 57 हजार हैक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से 2 लाख 25 हजार हैक्टेयर में 2 से 40 प्रतिशत तक खराबा हुआ है।

उन्होंने बताया कि सरसों व तारामीरा का कुल बोये गए 39 लाख 36 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल मां से 9 लाख 83 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक का खराबा हुआ है। इसी तरह सब्जियां एवं उद्यानिकी फसलों के कुल बोये गए 15 लाख 89 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में से 2 लाख 22 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 60 प्रतिशत तक खराबा हुआ है।

कटारिया ने बताया कि माह जनवरी, 2023 में पाले एवं शीत लहर से कुल बोये गए क्षेत्रफल 109 लाख 55 हजार हैक्टेयर में से लगभग 14 लाख 92 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक फसल खराबा होने की सूचनाएं हैं। यह खराबा प्रमुख रूप से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, चूरू, झुन्झुनूं, जयपुर, जालोर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, सीकर, भरतपुर, पाली, अजमेर, जोधपुर और प्रतापगढ़ में हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। सभी जिला कलक्टर को इस संबंध में तत्काल सर्वे कर विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग को भेजने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। फसली नुकसान के आकलन के लिए पटवारी मौके पर जाएंगे और कलक्टर को रिपार्ट देंगे। उन्होंने बताया कि प्रभावित किसानों को आपदा राहत कोष व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मापदण्डों के अनुसार राहत दी जा रही है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से कहा कि फसली नुकसान की सूचना प्राप्त होने पर वे विभाग को सूचित करें, ताकि प्रभावित किसानों को हर स्तर पर सहायता मिल सके।

Related posts

नगर निगम में फर्जी सफाईकर्मी घोटाला

admin

प्रदेश की 30 जिला स्तरीय पेयजल जांच प्रयोगशालाओं (drinking water testing laboratories) को मिला ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’

admin

अचानक बदलने जा रहा मौसम, अगले 3-4 दिन कैसा रहेगा मौसम..?

Clearnews