जयपुर

राजस्थान में कृषि भूमि पर बसे 300 वर्गमीटर तक के भूखंडधारियों के लिए पट्टे की राह हुई आसान

प्रशासन शहरों और गांवोंके संग अभियान में दीपावली से पहले मुख्यमंत्री की सौगात, कृषि से अकृषि प्रयोजनार्थ भूखंडधारियों को पट्टे की दरों में 75 प्रतिशत तक छूट

जयपुर। राजस्थान में कृषि भूमि पर बसे 300 वर्गमीटर तक के भूखंडधारियों के लिए पट्टे की राह आसान हो जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को दीपावली की सौगात देते हुए प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान-2021 के दौरान 300 वर्गमीटर तक की कृषि भूमि से अकृषि के लिए प्रीमियम दरों में 75 प्रतिशत तक की छूट को मंजूरी देने का निर्णय किया है।

इसी अनुपात में शहरी जमाबंदी (लीज राशि) में भी कमी आएगी। जिससे कृषि भूमि पर बसे लोगों को अभूतपूर्व राहत मिलेगी और उनके लिए फ्री-होल्ड पट्टा लेना आसान होगा। गहलोत के इस निर्णय से कृषि भूमि पर बसे लोगों में पट्टे लेने के प्रति रुझान बढ़ेगा और इसका लाभ उन्हें सुनियोजित विकास कार्यों एवं विभिन्न सुविधाओं के विकसित होने के रूप में मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न शहरों में भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90-ए के अंतर्गत कृषि भूमि के अकृषि प्रयोजनार्थ अनुज्ञा व आवंटन नियम-2012 में 32 प्रकार की प्रीमियम की दरें निर्धारित हैं। जिनमें 300 वर्गमीटर तक के आकार के भूखंडों के पट्टों के लिए प्रीमियम की दरें 90 रुपए से लेकर 384 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक निर्धारित थीं। इस कारण कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के पट्टे लेने में कठिनाइयां आ रही थी।

गहलोत ने अभियान के दौरान इनमें एकरूपता लाने एवं इनके सरलीकरण के निर्देश दिए थे। इसके दृष्टिगत नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने नगरीय निकायों की श्रेणियों (नगर पालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम) के आधार पर तीन प्रकार की प्रीमियम दरों के निर्धारण का प्रस्ताव दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के बाद 300 वर्गमीटर तक के भूखंडधारियों को पट्टों के लिए प्रीमियम में 75 प्रतिशत तक की कमी आएगी और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

प्रस्ताव में 300 वर्गमीटर तक की आवासीय कृषि भूमि से अकृषि प्रयोजन के लिए प्रीमियम की दर नगरपालिका क्षेत्र में 50 रुपए प्रति वर्गमीटर, नगर परिषद क्षेत्र में 75 रुपए प्रति वर्गमीटर तथा नगर निगम क्षेत्र में 100 रुपए प्रति वर्गमीटर निर्धारित की गई है। यह छूट उन्हीं कॉलोनियों पर लागू होगी जिनके ले-आउट प्लान का अनुमोदन 31 मार्च, 2019 तक हो चुका है। उनमें 300 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंडों पर मात्र प्रीमियम राशि, एक मुश्त लीज राशि (प्रीमियम दर की चार गुना पर) एवं 500 रूपए भवन मानचित्र अनुमोदन शुल्क एकमुश्त लेकर फ्रीहोल्ड पट्टा दिया जाएगा।

इस दौरान 300 वर्गमीटर तक के इन भूखंडधारियों को अतिरिक्त छूट देते हुए आंतरिक एवं बाह्य विकास शुल्क, किसी भी प्रकार की शास्ति, अन्य कोई चार्ज एवं बेसिक सर्विसेज फॉर अरबन पूअर (बीएसयूपी) फंड के नाम से ली जाने वाली राशि भी नहीं ली जाएगी। साथ ही, आवासीय एवं वाणिज्यिक कॉर्नर के भूखण्डों में प्रीमियम दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि नहीं की जाएगी।

पंजीकृत चैरिटेबल संस्थाओं को शत-प्रतिशत छूट

वहीं नगरीय क्षेत्रों में जनोपयोगी सुविधाओं के विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अग्रणी एवं अलाभकारी पंजीकृत चैरिटेबल संस्थाओं को कृषि से अकृषि प्रयोजनार्थ नियमन के लिए निर्धारित प्रीमियम दरों, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क एवं भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी गई है। मुख्यमंत्री ने अभियान शिविरों में इस प्रावधान का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि इन संस्थाओं के माध्यम से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में जनोपयोगी सुविधाएं जैसे चिकित्सा एवं शैक्षणिक सुविधाएं, वृद्धाश्रम, अनाथालय, नारी निकेतन, कुष्ठ आश्रम, धर्मशाला, दिव्यांगजन केन्द्र, नशामुक्ति केन्द्र, कन्या आश्रम, बाल गृह आदि के विकास को गति दी जा सके। सामाजिक सुरक्षा निवेश प्रोत्साहन योजना-2021 के तहत अलाभकारी संस्थाओं द्वारा क्रय की गई अथवा लीज पर ली गई अचल संपत्ति के दस्तावेजों पर पंजीयन शुल्क एवं स्टाम्प ड्यूटी में भी शत-प्रतिशत छूट देय है। इससे सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में निवेश करने वाली संस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा।

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