जयपुर

सफाई में फिसड्डी हैरिटेज निगम के बेड़े में शामिल हुई रोबोटिक्स क्लीनिंग मशीनें

जयपुर। परकोटे में प्राचीन जयपुर शहर की सफाई में पूरी तरह फिसड्डी साबित हो चुके नगर निगम जयपुर हैरिटेज की महापौर मुनैश गुर्जर ने बुधवार को 2 अत्याधुनिक सीवर मशीनें निगम के बेड़े में शामिल करते हुए औपचारिक रूप से फीता काट कर व झण्डी दिखा कर रवाना किया।

महापौर ने बताया कि दो मशीनें सफाईकर्मियों के लिए शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने में बहुत मददगार होगीं व मेनहॉल एवं कचरा उठाने हेतु सफाई कर्मियों द्वारा किये जाने वाले कार्य को सरल बनायेगी। गुर्जर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेन किया गया है कि कोई भी व्यक्ति चेंबर में न उतरे व मुख्यमंत्री द्वारा भी निर्देश दिये गये गये है कि व्यक्ति मेनहॉल में उतरकर अपनी जान को खतरे में न डाले ।

गुर्जर ने कहा कि ये मशीनें उपयोगी है और अगर कार्य निष्पादन में अच्छा रिस्पोंस मिलता है तो और भी मशीनें खरीदी जाएंगी, जिससे सफाई व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाया जा सकेगा। यह पहल निगम हैरिटेज द्वारा की जा रही है जिससे सफाई कर्मचारियों को भी काफी मदद मिलेगी। निगम हैरिटेज जयपुर वासियों को यह सौगात देकर उनके लिए अच्छा कदम उठाया गया है। हमारा शहर काफी पुराना है एवं यहां नाले नालियां बंद रहते है एवं सफाई व्यवस्था से लोग भी परेशान रहते है तो यह कदम शहर को नहीं बल्कि शहरवासियों की परेशानियां दूर करेगी।

नगर निगम जयपुर हैरिटैज आयुक्त विश्राम मीना ने कहा कि आज के दौर में नई-नई तकनीकी मशीनों के आगमन से मानव के लिए कार्य को सरल बनाने में काफी मदद मिल रही है। इसी को देखते हुए निगम हैरिटेज ने आज दो मशीनों का अनावरण किया है जिससे सफाई व्यवस्था में काफी सुधार होगा।

ये है इन अत्याधुनिक मशीनों की खूबियांः

पहली मशीन टैक्सास कन्स्ट्रक्शन इक्यूपमेंट मशीनरी
यह एक स्पाईडर फीचर का रोबोटोक एक्सकेवेटर है। यह पतली गलीयों में जाने के लिए अपनी चौड़ाई कम या ज्यादा कर सकता है।

-यह मशीन जरूरत पड़ने पर खड़ी हो सकती है और बैठ सकती है। इसका कार्य नाली को साफ करने का तरीका बिल्कुल कमाल का है ये नाली साफ करते समय नाली को नहीं टुटने देती। शहर के अंदर बहुत ज्यादा बिजली के तार फेले हुए है। उन गलीयों में बड़ी मशीन की छत फस सकती है। ये बैठने के कारण वहां भी काम कर लेती है। इसका डीजल कंजम्शन भी कम है। ये 360 डिग्री घुम सकती है। इसकी कंपनी फरीदाबाद में है और इसका मूल्य 31 लाख रु है।

दूूसरी मशीन बंडीकूट रोबोटीक स्केवेंजर

-इसका कार्य मेनहॉल में व्यक्ति संबंधी कार्य खत्म करना है। यह हमारे सेनिटेशन कामगारों की न केवल अमूल्य जान की रक्षा करेगा बल्कि उन्हें एक स्वस्थ एवं गरिमामय जीवन भी देगा। यह मुख्यमंत्री के मिशन ‘Zero manual Scavenging मुक्त राजस्थान’ की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुप्रीम कोर्ट की अनुपालना में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसकी रोबोटिक मानविक सीवर चेंबर की सफाई सुनिश्चित करती है। इसमें लगे गैस सेंसर जहरीली गैसों का अलार्म देते है व 4 कैमरा कार्य की सहजता सुनिश्चित करते है। बेंडीकूट रोबोट जयपुरवासियों की सीवर समस्या का उत्कृष्ट समाधान है।

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