एसीबी कितने भी ट्रेप करे, निगम में बंद नहीं होगा भ्रष्टाचार, क्योंकि ऊपर तक जुड़े हैं तार
जयपुर। एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर विशेष अनुसंधान इकाई जयपुर की ओर से शुक्रवार को नगर निगम ग्रेटर में कार्यरत स्पैरो सॉफ्टटेक प्रा.लि. कंपनी के सर्वेयर महेश कुमार शर्मा और रोहिताश्व मीणा को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसीबी पूर्व में भी इसी कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ तीन ट्रेप की कार्रवाई कर चुकी है, इसके बावजूद कंपनी का भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि विशेष अनुसंधान इकाई को परिवादी की ओर से शिकायत दी गई थी कि उसके वाणिज्यिक मकान को आवासीय मकान बताकर नगरीय विकास कर को कम करने और परेशान नहीं करने के एवज में स्पैरो कंपनी के सर्वेयर महेश और रोहिताश्व द्वारा 40 हजार रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है।
शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया और शिकायत सही पाए जाने पर शुक्रवार को ट्रेप आयोजित कर महेश और रोहिताश्व को परिवादी से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। अब एसीबी इस मामले में स्पैरो कंपनी और नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
क्या ट्रेप से रुक जाएगा निगम में भ्रष्टाचार
भले ही एसीबी स्पैरो कंपनी और निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है, लेकिन निगम में कहा जा रहा है कि ट्रेप और जांच से नगरीय विकास कर में हो रहे भ्रष्टाचार को नहीं रोका जा सकता है, क्योंकि कंपनी के तार ऊपर तक जुड़े हैं और सभी तक हिस्सा पहुंचता है। ऐसे में जब तक इस कंपनी से काम नहीं छीना जाएगा, तब तक नगरीय विकास कर के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को रोका नहीं जा सकता है। कंपनी के अनुबंध पत्रों की सम्पूर्ण जांच के बाद साफ हो जाएगा कि इसे गलत तरीकों से काम दिया गया है और इसी आधार पर कंपनी से काम छीना जा सकता है।