अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी ने की केन्द्रीय कोल सचिव अनिल जैन से चर्चा
राजस्थान(Rajasthan) की कालीसिंध तापीय विद्युतगृह (Kalisindh thermal power plant) की 600 मेगावाट उत्पादन क्षमता की बंद इकाई में शनिवार से उत्पादन आरंभ हो गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि इसके साथ ही राज्य के कोयला ब्लॉक्स (coal blocks)से पिछले दिन की तुलना में कोयले की करीब ढाई (two and a half) रेक अधिक डिस्पेच हुई है, जो रविवार तक पहुंचने की संभावना है। कोल ब्लॉक से इससे पहले सात से साढ़े सात रेक कोयला आ रहा था। कोल इंडिया से भी कोयले की आपूर्ति बढ़वाने के उच्च स्तर पर प्रयास जारी है।
अग्रवाल ने शनिवार को विद्युत भवन में बिजली निगमों के उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के कोयला सचिव अनिल जैन से दूरभाष पर चर्चा कर विद्युत उत्पादन निगम और अडानी के संयुक्त उपक्रम परसा ईस्ट एवं कांता बासन कोल ब्लॉक से कोयले की अधिक आपूर्ति के लिए सहमति हो गई है, जिससे आने वाले दिनों में इन ब्लाकों से अधिक कोयला मिलने लगेगा। शटडाउन या अन्य कारणों से बंद इकाइयों में भी शीध्र ही उत्पादन शुरु कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत राज्य में बिजली के तात्कालिक संकट को लेकर गंभीर है और नियमित समीक्षा कर रहे हैं। गहलोत ने इस अप्रत्याशित बिजली संकट के दौर में आम नागरिकों से भी बिजली बचाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने बिना आवश्यकता के बिजली उपकरणों के उपयोग नहीं करने, आवश्यकता नहीं होने पर तत्काल बिजली के स्विच बंद करने और अधिक विद्युत खर्च वाले एयर कंडीशनर आदि के उपयोग नहीं करने की अपील की है।
अग्रवाल ने बताया कि राज्य की विद्युत परियोजनाओं के लिए कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के उच्च स्तर पर प्रयास जारी है और उसके परिणाम भी आने लगे हैं। सरकार द्वारा शनिवार को भी एक अधिकारी एसपी अग्रवाल को बिलासपुर भेजा गया है। इससे पहले अनूप चतुर्वेदी एक्सईएन को एनसीएल सिंगरोली और जीएस मीणा एक्सईएन को एसईसीएल बिलासपुर भेजा गया है ताकि वहां से कोयले की आपूर्ति के लिए समन्वय बनाकर कोयले की रेक रवानगी करा सकें।
विभाग द्वारा रोस्टर के आधार पर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विद्युत कटौती की जा रही है और इसकी पूर्व में सूचना दी जा रही है। शनिवार को प्रदेश मेें औसत 10267 मेगावाट व अधिकतम 12650 मेगावाट बिजली की मांग रही। राज्य में 8657 मेगावाट की उपलब्धता रही।