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जिंदा है अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ! छोटा शकील घर में, मुंबई में भी हलचल नहीं

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ी यह खबर पिछले कुछ घंटे से सुर्खियों में है कि उसे पाकिस्तान में कराची में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कहा जा रहा है कि उसे किसी ने पाकिस्तान में जहर दिया है, इसलिए उसकी तबीयत एकाएक बहुत खराब हो गई और उसे तुरंत अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा। उसकी हालत गंभीर है और वह आईसीयू में भर्ती है।
अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक सीनियर अधिकारी ने सोमवार सुबह दावा किया कि यह खबर फेक है। उसे न जहर दिया गया है और न ही अस्पताल में भर्ती है। मुंबई पुलिस के कुछ और अधिकारियों ने भी इस खबर की पुष्टि नहीं की है। एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपने अलग-अलग सोर्स से जहर देने से जुड़ी इस खबर को वेरिफाई करने की कोशिश की। सबसे बात करने का कुल सार यह निकला कि दाऊद जिंदा है। उसे जहर भी नहीं दिया गया है। अगर वह पाकिस्तान के किसी अस्पताल में भर्ती भी हुआ होगा, तो अपनी पुरानी किसी बीमारी की वजह से।
छोटा शकील अपने घर में ही
इस अधिकारी के मुताबिक, हमने अपने सोर्स के जरिए दाऊद के खासमखास छोटा शकील की पाकिस्तान में लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश की। पता चला कि छोटा शकील अपने घर में ही है। इस अधिकारी के अनुसार, अगर दाऊद को कुछ हुआ होता, तो छोटा शकील अपने घर में बैठा नहीं होता। अधिकारी ने बताया कि रविवार और सोमवार दोनों दिन दाऊद के मुंबई स्थित रिश्तेदारों के घर की भी टोह लेने की कोशिश की। काफी लोगों से जानकारी निकाली, परिवार में किसी तरह की कोई ऐसी हलचल नहीं पता चली कि दाऊद मर गया है या उसे जहर दिया गया है।
मुंबई के इन इलाकों में सब सामान्य
दाऊद का गढ़ मुंबई का कभी डोंगरी इलाका हुआ करता था। उसके कुछ लोग अभी भी डोंगरी, पायधुनी व मुंबई के कुछ अन्य जगहों पर हैं। इस अधिकारी के अनुसार, यहां से हमें ऐसे कोई इनपुट्स नहीं मिले कि दाऊद को जहर दिया गया है।
1984 में दुबई भाग गया था दाऊद
जब पिछले पखवाड़े 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं में से एक साजिद मीर को पाकिस्तान में जहर दिया गया था, उस वक्त जरूर मुंबई पुलिस के कुछ अधिकारियों ने इस बात की आशंका व्यक्त की थी कि जब पाकिस्तान अपने ही नागरिक साजिद मीर को मरवाने की कोशिश कर सकता है, तो वह कभी दाऊद को भी जहर दे सकता है। मुंबई का रहने वाला दाऊद साल 1984 में दुबई भाग गया था। कई साल बाद वह अपने परिवार के साथ वहां से पाकिस्तान शिफ्ट हो गया था। मुंबई पुलिस के इन अधिकारियों का कहना था कि पाकिस्तान किसी का भी सगा नहीं है। जब भी उसे आशंका रहेगी कि किसी सरगना की वजह से उसके खुद के नकाब उतरने की आशंका है, वह उसे मरवा देगा। यदि जरूरत पड़ी, तो दाऊद को भी जहर दे देगा।
मुंबई धमाकों से जुड़े हैं तार
26/11 मुंबई हमले से बहुत साल पहले मार्च, 1993 में मुंबई में एक दर्जन से ज्यादा बम धमाके हुए थे। उसमें दाऊद और उसके लोगों की साजिश सार्वजनिक हुई थी। 1993 के बम धमाकों में आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ था। दुनिया में आरडीएक्स इस्तेमाल का शायद यह पहला मामला था। उसके बाद उसका जब और भी आतंकवादी गतिविधियों में नाम सामने आया, तो बहुत साल बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था। साजिद मीर की तरह उस पर भी इनाम घोषित है।
कई रिश्तेदार अभी भी जेल में बंद
पिछले साल एनआईए ने दिल्ली में टेरर फंडिग केस में जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनमें दाऊद का नाम पहले नंबर पर है। उस पर अकेले मुंबई में 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। उसकी काफी प्रॉपर्टी मुंबई पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियां कोर्ट का आदेश लेकर कुर्क कर चुकी हैं और कई की नीलामी भी कर चुकी हैं। उसका भाई इकबाल कासकर ठाणे जेल में बंद है। इकबाल के बेटे और दाऊद के भतीजे रिजवान कासकर को भी चार साल पहले मुंबई पुलिस ने मकोका के तहत तब गिरफ्तार किया था, जब वह दुबई की फ्लाइट पकड़ने को था। उसके दो सगे रिश्तेदारों सलीम फ्रूट और आरिफ भाईजान भी इन दिनों सीबीआई और मुंबई क्राइम ब्रांच से जुड़े अलग-अलग केसों में जेल में बंद हैं।

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