जयपुर। मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने सभी जिला कलक्टरों को 26 अक्टूबर से प्रदेशभर में प्रारंभ होने वाले ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए कोर ग्रुप का गठन कर मौके पर खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर परीक्षण के बाद मिलावट पाए जाने पर त्वरित ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि त्योहार एवं शादियों के समय में खाद्य पदार्थों में मिलावट का भय बढ़ जाता है। इसलिए अभियान 26 अक्टूबर 2020 से 14 नवंबर 2020 तक चलेगा। अभियान के प्रभावी संचालन प्रबंधन एवं क्रियान्वयन के लिए एक कोर ग्रुप का गठन किया गया है जिसमें गृह, खाद्य नागरिक आपूर्ति, पशुपालन, डेयरी और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शामिल होंगे। दूध व दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ, तेल, मसाले, आटा, बेसन, सूखा मेवा आदि की इस अभियान के तहत जांच की जाएगी।
स्वरूप ने जिला प्रबंधन समितियों एवं जिला कलक्टर को खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले थोक और खुदरा व्यापारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई मौके पर ही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अवमानक (सबस्टैण्डर्ड) पाए प्रकरणों पर अधिकतम 5 लाख रुपए और अपमिश्रित (मिसब्रान्ड) पाए गए प्रकरणों में अधिकतम तीन लाख रुपए और असुरक्षित (अनसेफ) पाए गए प्रकरणों में 6 माह से लेकर आजीवन कारावास एवं दस लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत रखा गया है।
उन्होंने कहा कि जांच के लिए खाद्य प्रयोगशालायें जयपुर, अलवर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर, बांसवाड़ा में स्थापित है और पाँच चल प्रयोगाशालाएं- जयपुर, भरतपुर, उदयपुर, जोधपुर एवं बीकानेर में कार्यरत रहेगी।
जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि वे अभियान पूर्व ही प्री-सर्वे करें, जिससे अभियान शुरू होते ही प्रभावी कार्रवाई की जा सके। अभियान के दौरान बड़े स्तर पर एडल्टरेशन, अनसेफ में संलिप्त उत्पादक के विरूद्ध सूचना देने वाले की पहचान को गोपनीय रखते हुए सही सूचना देने पर इक्यावन हजार रुपए प्रोत्साहन राशि जिला कलेक्टर द्वारा पुरस्कार के रूप में दी जाएगी।