कृषि

किसान आंदोलन जारी, संदेह दूर करने को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को लिखी 8 पेज की चिट्ठी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश की सीमाओं पर किसान नए कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। गुरुवार 17 दिसम्बरको 22 वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी रहा। हालांकि सरकार की ओर से मान-मनौव्वल जारी है लेकिन किसान अपनी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस बीच गुरुवार 17 दिसम्बर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा है कि कुछ किसान संगठनों में कृषि सुधारों को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गई है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को समझाने के लिए 8 पन्नों की चिट्ठी लिखी।

पीएम मोदी ने भी किया ट्वीट

तोमर के पत्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।’

यह है चिट्ठी का मजमून

उल्लेखनीय है कि तोमर ने किसान भाइयों और बहनों को संबोधित करके हुए 8 पन्नों की चिट्ठी लिखी है। उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि वे पिठले कई दिनों से किसानों के संपर्क में हैं और कई राज्यों के किसान संगठनों के साथ उनकी बातचीत भी हुई है। उन्होंने लिखा है कि इन किसान संगठनों ने कृषि सुधारों का स्वागत किया है और वे इनसे बहुत  खुश भी हैं। लेकिन, दूसरा पक्ष यह भी है कि कुछ किसान संगठनों में इन सुधारों को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गई है।

तोमर ने लिखा है कि देश का कृषि मंत्री होते हुए उनका दायित्व है कि वे हर किसान का भ्रम दूर करें और हर किसान की चिंता दूर करें। अपनी इन्हीं बातों को आगे बढ़ाते उन्होंने इस चिट्ठी में कृषि कानूनों को लेकर उत्पन्न संदेह की स्थिति दूर करने का प्रयास किया है।

Related posts

किसान 29 दिसम्बर को सरकार से वार्ता को तैयार, आरएलपी ने छोड़ा एनडीए का साथ

admin

अत्याधुनिक कृषि मशीनरी के प्रदर्शन में किसान दिखे उत्साहवर्धक, स्मार्ट फॉर्म में किसानों के लिए विश्वस्तरीय नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन

Clearnews

सरकार किसानों के दबाव से मुक्त, सर्वोच्च न्यायालय ने कृषि कानूनों को लागू करने से रोका और 4 सदस्यों वाली समिति बनाई, अब किसानों को इसी समिति करनी होगी बात

admin