देश में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुड्डुचेरी के अब तक घोषित चुनाव परिणामों और जारी मतगणना के रुझान स्पष्ट बता रहे हैं कि प.बंगाल में तृण मूल कांग्रेस (टीएमसी), असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ), तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) और पुड्डुचेरी में भाजपा गठबंधन सत्ता पर काबिज होने की तैयारी में है। पश्चिम बंगाल में प्रतिष्ठित नंदीग्राम सीट पर भाजपा के शुभेन्दु अधिकारी ने प. बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी को 1736 वोटों से हरा दिया है। चुनाव परिणामों और रुझानों के मद्देनजर प.बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा के कार्यालयों को आग लगाने की खबरें सामने आ रही हैं।
केरल में एक बार फिर एलडीएफ
खबर लिखे जाने तक पश्चिम बंगाल में 294 में से 292 सीटों पर हुए चुनावों में टीएमसी को 216 सीटें मिलती दिख रही हैं और भाजपा को 75 सीटों पर ही संतोष करना पड़ रहा है। तमिलनाडु में 234 सीटों पर हुए चुनावों में डीएमके गठबंधन 142 सीटों पर जीत हासिल करता लग रहा है और एडीएमके गठबंधन 88 सीटों पर आगे है। असम में भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 126 सीटों में से 76 सीटों पर और कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) 48 सीटों पर आगे चल रहा है। इसी तरह केरल में 140 सीटों में से एलडीएफ 93 सीटों पर और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 43 सीटों पर आगे चल रही है। केंद्रशासित प्रदेश पुड्डुचेरी में 30 सीटों पर हुए चुनावों से 20 सीटों के रुझानों के मुताबिक 12 सीटों पर राजग आगे है और संप्रग 5 सीटों पर आगे है।
प्रशांत किशोर ने अपने कार्य से लिया संन्यास
यद्यपि मतगणना के रुझान और घोषित परिणाम फिलहाल अंतिम नहीं हैं और इसमें अंतिम समय पर फेरबदल संभव है। उधर, टीएमसी के लिए चुनावी रणनीति की व्यूहरचना तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने पूर्व में दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में भाजपा दहाई की संख्या से अधिक सीटें हासिल करेगी तो वे अपने कार्य से संन्यास ले लेंगे। यद्यपि उनका दावा सही साबित हुआ है किंतु उन्होंने अपने कार्य को छोड़ने की बात कही है।