जयपुर। प्रदेश के चार शहरों में काम कर रही स्मार्ट सिटी (smart city) कंपनियों में करीब एक महीने पूर्व की गई स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति (appointment) पर केंद्र सरकार (central government) ने रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार के पास इस मामले की शिकायत की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि जिन लोगों की नियुक्ति स्मार्ट सिटी में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर की थी, उनका टाउन प्लानिंग या शहरी विकास से जुड़े मामलों में कोई खास अनुभव नहीं है।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वायत्त शासन सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि इन नियुक्तियों को लेकर मंत्रालय की ओर से जांच की जा रही है। मंत्रालय स्तर पर फैसला आने तक ये नियुक्तियां स्थगित रखी जाएं। स्वायत्त शासन सचिव ने नियुक्तियों की मंजूरी के लिए आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय को पत्र भेजा था। जिस पर केंद्र ने यह रोक लगाई है। मंत्रालय की ओर से जो आदेश जारी किए गए हैं, उसमें मंत्रालय ने अनुमति नहीं लेने का हवाला दिया है।
उल्लेखनीय है कि 15 जुलाई स्वायत्त शासन निदेशालय के सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए चारों स्मार्ट सिटी कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की थी। जयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी में जय आकड़ और डॉ. पूनम शर्मा, कोटा स्मार्ट सिटी में रविंद्र त्यागी और रजनी गुप्ता, उदयपुर स्मार्ट सिटी में सज्जन कटारा और अजमेर स्मार्ट सिटी कंपनी में डॉ. गोपाल बाहेती व राजकुमार जयपाल को स्वतंत्र निदेशक बनाया गया था। इसके अलावा जयपुर हैरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर को जयपुर स्मार्ट सिटी और कोटा उत्तर नगर निगम महापौर मंजू मेहरा को कोटा स्मार्ट सिटी में वाइस चैयरमेन बनाया गया था।