जयपुर

महिला अधिकारिता विभाग में पर्यवेक्षक (Supervisors) के 65 खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में 93 नये पद (New Posts) सृजित होंगे

राजस्थान में महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर पर्यवेक्षक (Supervisors) महिला अधिकारिता की नियुक्ति की जाएगी।  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने इसके लिए पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता के 65 नवीन पदों (New Posts) के सृजन के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।  इसी तरह खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अन्तर्गत विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। गहलोत ने इसके लिए भी प्रकोष्ठ में 93 नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।

वर्तमान में राज्य में कुल पंचायत समितियों की संख्या 295 से बढ़कर 352 हो गई हैं। 57 नई पंचायत समितियों के लिए पर्यवेक्षक के एक-एक पद सहित 57 पद सृजित होंगे। महिला अधिकारिता विभाग में ही 8 प्रचेताओं की सेवानिवृति के कारण समाप्त किए गए पदों को भी पर्यवेक्षक के रूप में परिवर्तित कर पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता के कुल 65 सृजित किए जाएंगे। गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश की समस्त 352 पंचायत समितियों में पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता के पद उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे राज्य में महिला सशक्तीकरण को गति मिलेगी।

 खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में 93 नवीन पदों का सृजन होगा

राज्य में उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण तथा बाजार में उपलब्ध उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अन्तर्गत विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए प्रकोष्ठ में 93 नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।

स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ में संयुक्त नियंत्रक और उप नियंत्रक के एक-एक पद, सहायक नियंत्रक के 8 पद, निरीक्षक के 20 पद, कनिष्ठ विधि अधिकारी एवं सहायक प्रोग्रामर के एक-एक पद, सूचना सहायक के दो पद, प्रयोगशाला सहायक के 20 पद, सुरक्षा गार्ड के 36 पद तथा वाहन चालक के 3 पदों सहित कुल 93 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा। 

नवीन प्रस्तावित पदों में से संयुक्त नियंत्रक से निरीक्षक तक के पदों पर विशेष भर्ती नियमों के तहत भर्ती की जाएगी। कनिष्ठ विधि अधिकारी एवं सहायक प्रोग्रामर के नवीन पदों पर प्रतिनियुक्ति तथा शेष पदों पर संविदा सेवा अथवा रेक्सको के माध्यम से प्रचलित नियमों के अनुरूप कार्मिकों को नियोजित किया जाएगा। गहलोत के इस निर्णय से राज्य सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की कार्यकुशलता बढ़ेगी।

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