पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम (Nandigram ) चुनाव में खोई प्रतिष्ठा फिर हासिल कर ली है। उन्होंने प्रतिष्ठित भवानीपुर उपचुनाव (Bhawanipur by-election) में 58, 832 रिकॉर्ड मतों से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को हरा दिया है। टिबरेवाल (Tibrewal) ने बेहद शालीनता के साथ अपनी हार को स्वीकार करते हुए ममता बनर्जी को जीत की बधाई दी और इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, सबने देखा ममता ने कैसे जीत हासिल की।
उल्लेखनीय़ है कि ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए यह उपचुनाव जीतना बेहद जरूरी था। वे पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्य नहीं थी। इस वर्ष पश्चिम बंगाल विधानमंडल के लिए जब मार्च-अप्रेल में चुनाव हुए थे तब उन्होंने अपनी नियमित सीट छोड़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था। नंदीग्राम में उन्हें अपने पूर्व सहयोगी और भाजपा के उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी ने 1956 वोटों से पटखनी दी थी।
यद्यपि इस हार के बाद भी ममता बनर्जी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। चूंकि मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने के लिए छह माह में ही विधानमंडल का सदस्य बनना आवश्यक है इसलिए उनके पास केवल 3 नवम्बर तक ही समय शेष था। ममता के लिए भवानीपुर से विधायक चुने गये तृण मूल कांग्रेस (टीएमसी) के वयोवृद्ध नेता शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कुर्बानी देते हुए अपनी सीट छोड़ दी। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें ममता सफल रहीं। ममता बनर्जी की जीत के बाद उनके आवास के बाहर जश्न मनाया जाने लगा है। टीएमसी कार्यकर्ता एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं और जश्न मना रहे हैं। ममता ने अपने घर के बाहर से ही भवानीपुर के लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘जब से प.बंगाल विधानसभा चुनाव शुरू हुआ तब से मेरी पार्टी के खिलाफ साजिश होती रही। भवानीपुर छोटी सी जगह है फिर भी यहां 3500 सुरक्षाकर्मी भेजे गए। मेरे पैर को चोट पहुंचाई गई ताकि चुनाव न लड़ सकूं। चुनाव आयोग की आभारी हूं। पहली बार ऐसा हुआ है कि भवानीपुर के किसी भी वार्ड में हम हारे नहीं।’ ममता ने कार्यकर्ताओं से कहा
कि वर्तमान में बारिश और बाढ़ से लोग परेशान हैं इसलिए अभी विजय जुलूस न निकालें। फिलहाल लोगों को राहत पहुंचाना ही विजय जुलूस होगा। बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तंज किया और कहा, ‘नंदीग्राम न जीत पाने की बहुत सारी वजहें रही हैं। जनता ने बहुत सारी साजिशों को नाकाम किया है।’ उन्होंने कहा कि भवानीपुर में 46 फीसदी लोग गैर बंगाली हैं लेकिन सभी ने मिलकर वोट किया।