जयपुर

विधानसभा चुनाव (Assembly elections) को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस (congress) को करनी होगी शहर अध्यक्ष (city president) की घोषणा

भाजपा से दो-दो हाथ करने के लिए जरूरी है कि यूथ कांग्रेस के समय से पार्टी से जुड़े हुए वरिष्ठ पदाधिकारी को मिले शहर अध्यक्ष पद

कांग्रेस (congress) में इस समय जयपुर शहर अध्यक्ष पद के लिए जमकर खींचतान चल रही है। कांग्रेस के विभिन्न संगठनों, विभिन्न समाजों, धर्मों ने इस पद के लिए अपनी दावेदारी जता दी है, वहीं शहर के विधायक भी अपने चहेते लोगों को इस पद पर लाना चाहते हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनावों ( Assembly elections) को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को शहर अध्यक्ष (city president) के नाम की घोषणा करनी होगी।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में हर बार सरकार बदलने की परिपाटी चल रही है, जयपुर को वैसे भी भाजपा का गढ़ माना जाता है और कांग्रेस को यहां भारी संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में कांग्रेस को अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए ऐसे दमदार कार्यकर्ता को इस पद पर बिठाना होगा, जो सभी को साथ लेकर चल सके और मृतप्राय हो चुके कांग्रेस के अनुषंगी संगठनों के पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय कर सके।

संगठनों और पुराने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का काम वही अध्यक्ष कर सकता है, जो कि युवा काल से ही कांग्रेस से जुड़ा हो। सूत्रों का कहना है कि यूथ कांग्रेस से जुड़े हुए पुराने पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस पद के लिए एकदम सही साबित होंगे, क्योंकि वह लंबे समय से जुड़े होने के कारण पार्टी की रीति-नीति अच्छी तरह से जानते हैं। सभी कार्यकर्ताओं में उनकी पहचान होती है और वह निष्क्रीय कार्यकर्ताओं को भी फिर से पार्टी से जोड़ने का माद्दा रखते हैं।

सूत्र बताते हैं कि 7-8 महीनों पूर्व जयपुर नगर निगमों के चुनाव हुए थे। इन चुनावों में कांग्रेस विधायकों और विधायक प्रत्याशियों की भारी दखल के बीच ऐसे लोगों को भी पार्षद का टिकट दे दिया गया था, जो कभी कांग्रेस के सदस्य ही नहीं रहे, न उनको पार्टी की रीति-नीतियों की कोई मालुमात है। यदि दबाव में किसी ऐसे व्यक्ति को शहर अध्यक्ष का पद सौंप दिया गया तो कांग्रेस को अगले विधानसभा चुनावों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश में जो राजनीतिक नियुक्तियां हुई है, उनमें कई ऐसे लोगों को पद दिए गए, जिनका कांग्रेस से कोई वास्ता नहीं है, जिससे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। कांग्रेस में यह भी अटकलें लगाई जा रही है कि शहर में एक की बजाए दो शहर अध्यक्ष बनाए जाएं। ´

यह विचार विधायकों के दबाव में चल रहा बताया जा रहा है, ताकि उनको अपने चहेतों को शहर अध्यक्ष बनाने का मौका मिल जाए, यदि ऐसा होता है तो जयपुर में दो धुरियां बन जाएंगी, जबकि शहर कांग्रेस को ऐसा अध्यक्ष चाहिए जो यूथ कांग्रेस से भी निकला हो और पार्षद भी हो, ताकि वह दोनों नगर निगमों में समन्वय बनाकर चल सके। ऐसे कार्यकर्ता में ही भाजपा से लड़ने के लिए व्यापक राजनीतिक समझ होगी और वह यूथ कांग्रेस को ऑक्सीजन प्रदान करेगा।

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