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बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर जिला कलेक्टर ने लगाई अधिकारियों को फटकार

नालों की सफाई में लापरवाही से नाराज

जयपुर। मानसून को देखते हुए एक पखवाड़े पूर्व बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाने के निर्देशों में लापरवाही पर सोमवार को जिला कलेक्टर जोगाराम ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। इस दौरान नालों की सफाई में लापरवाही को लेकर नगरीय निकायों के अधिकारी भी कलेक्टर के निशाने पर रहे। कलेक्टर ने अधिकारियों को फील्ड में जाकर काम करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन के अधिकारियों को नालों की सफाई का जायजा लेने के भी निर्देश दिए।

जोगाराम ने विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें तहसीलों, ब्लॉक्स में जाकर फील्ड विजिट कर समस्याओ के समाधान के निर्देश दिए, क्योंकि कोरोना लॉकडाउन के कारण उनके विभागों से संबंधित आमजन के काम पेंडिंग हो सकते हैं।

जेडीए और अन्य विभागों द्वारा अभी तक बाढ़ नियंत्रण कक्ष नहीं खोले जाने पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष अविलम्ब खोले जाएं। नालों की साफ-सफाई का काम धीमा चलने पर नगर निगम के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया।

उन्हें निर्देशित किया गया कि नाला सफाई कार्य में तेजी लाई जाए। नाला सफाई कार्य की वस्तुस्थिति के परीक्षण के लिए नगर निगम के जोन उपायुक्त और जिला प्रशासन के अधिकारी संयुक्त निरीक्षण करेंगे। जेडीए को नालों की सफाई में आ रहे अवरोधों को हटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

शहर में बनाए गए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सूची सौंपने और उनकी सफाई व मरम्मत की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। पीएचईडी के अधिकारियों को टैंकरों की लाइव लोकेशन की जानकारी देने, जल की गुणवत्ता जांच के सैंपल लेने, सीवरेज लाइन और पेयजल लाइनों के निरीक्षण करने, जलापूर्ति के लिए विधानसभा क्षेत्रवार दी गई 25 लाख की राशि के संबंध में विधायक से प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई के निर्देश दिए।

चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से कोविड-19 संक्रमण जांच, सैम्पल्स की संख्या, वर्तमान में रोगमुक्त हुए मरीज, पॉजिटिव मरीज, इन्फेक्शन दर में वृद्धि की जानकारी ली गई और सैम्पल जांच के लिए बनाए गए कलैण्डर की जानकारी जिला प्रशासन को देने के लिए कहा गया।

जयपुर विद्युत वितरण निगम को पेंडिंग हजार से ज्यादा शिकायतों का निस्तारण करने, माइनिंग अधिकारियों को अवैध बजरी खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी देने, वन विभाग को पौध वितरण के लिए ऑनलाइन डेटा के साथ जेडीए व अन्य विभागों द्वारा पौध वितरण का डेटा देने के निर्देश दिए गए।

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