जयपुर। प्रदेश में एक महीने से चल रहा सियासी संग्राम अब अपने अंतिम दौर में आ चुका है। शुक्रवार को शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले भाजपा की ओर से पहले दिन ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली गई है, तो दूसरी ओर गुरुवार शाम को आयोजित हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार की ओर से विश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।
भाजपा विधानसभा सत्र में पहले ही दिन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। भाजपा ने हर मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। भाजपा विधायक दल की बैठक में इस पर फैसला किया गया। लगे हाथों अविश्वास प्रस्ताव तैयार कर उसपर विधायकों के हस्ताक्षर ले लिए गए हैं।
बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने संवाददाताओं से कहा कि एक महीने तक प्रदेश की सरकार दो धड़ों में बंटी रही। इसका परिणाम यह रहा कि जनता के काम अटक गए। ऐसे में जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते भाजपा पहले दिन सरकार के खिलाफ अश्विास प्रस्ताव लेकर आएगी। कटारिया ने कहा कि अभी हमारे पास सिर्फ हमारे ही विधायक हैं, लेकिन जब हम सदन में प्रस्ताव लेकर आएंगे तो जो भी सरकार के खिलाफ होगा वह हमारे साथ आ जाएंगे।
वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री निवास पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच वार्ता हुई। इस दौरान दिल्ली से आए कांग्रेसी नेता के सी वेणुगोपालन और अविनाश पांड़े भी साथ रहे। इस वार्ता के बाद आयोजित विधायक दल की बैठक में पायलट और उनके खेमे के 18 विधायक भी शामिल हुए और भाजपा को साफ संदेश दे दिया गया कि कांग्रेस एकजुट है और सरकार को किसी प्रकार का खतरा नहीं है।
बैठक में गहलोत के बराबर की सीट पर सचिन पायलट बैठे। सबसे पहले कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। बैठक को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि हम खुद विश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे। हम 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर देते, लेकिन अभी जो खुशी है, वो नहीं होती, क्योंकि अपने तो अपने होते हैं। जो हुआ उसे भूल जाएं। इसके बाद मंच पर बैठे सभी लोगों और विधायकों ने विक्ट्री साइन दिखाकर खुशी जाहिर की।