बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय, मध्य प्रदेश में मोहन यादव और राजस्थान में भजन लाल शर्मा को पहली बार मुख्यमंत्री बनाया है। भजन लाल शर्मा तो पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे ही हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इनमें से कौन मुख्यमंत्री पद को सोने का ताज बना लेगा और किनके लिए यह कांटों भरी सेज साबित होगी।
सत्ता की बागडोर संभालने के क्या सूत्र हों, जो सफलता के पैमाने पर खरे उतरें, इसे लेकर मंथन तो हर किसी के मन में चल रहा होगा। अच्छी बात है कि केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चुनावी चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने सफलता का एक बड़ा सूत्र दे दिया। शाह के बयान से यह स्पष्ट हो गया कि आने वाले दिनों में साय, शर्मा और यादव में किसकी किस्मत चमकने वाली है।
शाह ने साफ बता दिया, कौन बनेगा बड़ा नेता
अमित शाह गुरुवार को एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। एक विस्तृत इंटरव्यू में उनसे कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए जिनका उन्होंने बखूबी जवाब दिया। जब उनसे पूछा गया कि तीन नए मुख्यमंत्रियों में अच्छा कौन माना जाएगा, इसके लिए कोई मापदंड है क्या तो इसके जवाब में शाह ने सारे राज खोल दिए। उन्होंने कहा, ‘अभी तो इतना ही है कि मोदी जी ने गवर्नेंस का एक एजेंडा सेट किया है। संविधान की स्पिरिट के साथ, गरीब कल्याण की भावना के साथ और राज्य की कानून-व्यवस्था एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ गवर्नेंस होना चाहिए। वो मॉडल को जो फॉलो करता है, सक्सेसफुली जमीन पर उतारता है, वो अच्छा नेता माना जाएगा।’ इसे छत्तीसगढ़, एमपी और राजस्थान के नए मुख्यमंत्रियों को शाह की तरफ से पेश किया गया सफलता का सूत्र ही माना जाना चाहिए।
जनाधार वाला नेता कौन, कौन नहीं?
बहरहाल, शाह से यह भी पूछा गया कि आखिर किस आधार पर नए चेहरों पर दांव खेला गया तो उन्होंने बड़ी सफाई से कहा कि हर नेता जब पहली बार मुख्यमंत्री चुना जाता है तब वो नया ही होता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देकर समझाया कि उन्हें जब गुजरात का मुख्यमंत्री चुना गया तो वो विधायक क्या सरपंच का भी चुनाव नहीं लड़े थे। जब उनसे पूछा गया कि जिनका जनाधार नहीं हो, उन्हें मुख्यमंत्री जैसा अहम पद देने के पीछे क्या सोच हो सकती है तो शाह ने कहा, ‘वैसे तो पार्टी की निर्णय प्रक्रिया के बारे में मैं चर्चा नहीं करना चाहता। मगर हर कार्यकर्ता कभी ना कभी नया होता है। अभी जो तीन मुख्यमंत्री बने हैं, इनको जनाधार के बगैर नेता नहीं मान सकते। हमारे संविधान में जनाधार (तय करने) की एक प्रक्रिया बनाई है। यहां प्रेसिडेंशियल इलेक्शन नहीं होते हैं। विधायक चुने जाते हैं और विधायक अपना नेता चुनते हैं। विधायकों का जनाधार (चुने गए उस) नेता के साथ होता है।’
शाह का दावा- 2024 में बढ़ेंगी बीजेपी की लोकसभा सीटें
अमित शाह ने मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चैहान, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह और राजस्थान में वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाने के सवाल का भी बेलाग-लपेट जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘तीनों लोगों को पार्टी ने पर्याप्त मौका दिया है। तीनों एक-एक चुनाव हारे हैं। तीन बार पार्टी ने ही उनको नेता बनाया है।’ अमित शाह ने इंटरव्यू के दौरान एक सवाल के जवाब में दावा किया 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एनडीए की सीटें 2019 से भी ज्यादा होंगी और नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने वोटबैंक के सवाल पर कहा कि समाज का कोई ऐसा वर्ग नहीं है जिसे नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र की बीजेपी सरकार से सीधा फायदा नहीं हुआ हो, इसलिए बीजेपी का वोट बैंक हर जगह, हर तबके में है। उन्होंने विपक्ष के इंडिया गठबंधन को सिरे से खारिज करते हुए राज्य दर राज्य उसकी स्थिति का जायजा दे दिया।