जयपुरराजनीति

सचिन पायलट को स्वीकार्य नहीं गहलोत का वर्चस्व, फिलहाल नयी पार्टी पर सस्पेंस बरकरार..!

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने फिलहाल किसी नए राजनीतिक कदम का ऐलान करने से परहेज कर कांग्रेस हाईकमान को फिलहाल राहत जरूर दी है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर परोक्ष रूप से निशाना साध यह संकेत दिया कि सुलह का सम्मानजनक फार्मूला निकाले जाने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करेंगे।
अपनी मांगों से नहीं हटेंगे पीछे
वसुंधरा सरकार के दौरान हुए कथित खनन भ्रष्टाचार की जांच के साथ राज्य में भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करने के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पर डटे रहने का एलान कर इसका साफ संदेश दिया। गहलोत के सियासी वर्चस्व को थामने के अपने इरादों से पीछे नहीं हटने के इरादे स्पष्ट करते हुए पायलट ने कहा लोगों का विश्वास उनकी सबसे बड़ी संपत्ति है और इसलिए उन्हें न्याय दिलाने के लिए न केवल वे लड़ते रहेंगे बल्कि अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।
घमासान का समाधान
सचिन पायलट का गहलोत पर साधे गए इस निशाने से यह भी साफ है कि राजस्थान के घमासान का समाधान निकालने के लिए यह उनकी ओर से कांग्रेस हाईकमान को दी गई आखिरी मोहलत है और समझौते की राह निकालने में ज्यादा देरी हुई तो राज्य में कांग्रेस की सियासत में उथल-पुथल होना तय है। दौसा में रविवार को अपने पिता कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजेश पायलट की पुण्यतिथि के मौके पर सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान के बारे में बेशक कोई टीका-टिप्पणी नहीं की। लेकिन अपने सियासी प्रतिद्वंद्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना उन पर तीखे तीर चलाने में कोई कोताही नहीं की।
सचिन ने कहा- मेरा राजनीतिक उद्देश्य स्पष्ट
दौसा के गुर्जर छात्रवास में एक सभा को संबोधित करते हुए सचिन ने कहा कि उनका राजनीतिक उद्देश्य स्पष्ट है कि देश और राज्य में राजनीति साफ-सुथरी हो और भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। युवाओं की उम्मीद को ध्वस्त नहीं होने देना चाहिए। वसंधुरा सरकार में हुए कथित खनन घोटाले की जांच में देरी को लेकर गहलोत का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए पायलट ने मुख्यमंत्री की ‘हर गलती सजा मांगती है’ की टिप्पणी का हवाला दिया और कहा कि भ्रष्टाचार का यह मामला भी सजा की मांग करता है।
मुख्यमंत्री की ही टिप्पणी को बनाया हथियार
भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने को लेकर गहलोत पर वार करने के लिए सचिन ने मुख्यमंत्री की ही टिप्पणी को हथियार बनाया और यह साफ कर दिया कि राजस्थान कांग्रेस में गहलोत के संपूर्ण वर्चस्व को वे स्वीकार नहीं करेंगे।
युवाओं के साथ विश्वासघात हुआ
पेपर लीक से प्रभावित युवाओं को मुआवजा दिए जाने की उनकी मांग को बौद्धिक दिवालियापन बताने के गहलोत की टिप्पणी पर उनका नाम लिए बिना कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘केंद्र सरकार कहती है कि अगर गरीबों को कुछ मदद मिलती है, तो वित्तीय दिवालियापन हो जाएगा। मैं कहता हूं कि युवाओं के साथ विश्वासघात हुआ है और हमें उनकी मदद करनी चाहिए तो वे कहते हैं कि यह मानसिक दिवालियापन होगा।’
सचिन ने कहा जारी रखेंगे अपना संघर्ष
कांग्रेस में अभी बिना किसी ओहदे के गहलोत से तकरार में भिड़े पायलट ने साफ कहा कि वह किसी पद पर हों या न हों लोगों के बीच विश्वसनीयता उनके लिए सर्वोपरि है। इसलिए लोगों को न्याय दिलाने का अपना वादा पूरा करने के लिए वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। पायलट ने कहा कि वे लोगों की आवाज के साथ अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हैं और दोनों मुझसे कहते हैं कि वह अपने आदर्शों और विश्वासों से पीछे नहीं हटेंगे।
अटकलों को खारिज करने की नहीं की कोई कोशिश
पायलट के दौसा के इस कार्यक्रम पर इसलिए निगाहें लगी थी कि वे नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने तीन दिन पहले ही इसे अफवाह बता कर खारिज कर दिया था। सचिन ने ऐसा कोई कदम रविवार को उठाया भी नहीं मगर नई पार्टी बनाने की चल रही अटकलों को अपनी तरफ से खारिज करने की कोई कोशिश नहीं की।
नई पार्टी पर बनाए रखा सस्पेंस
इस पर किसी तरह की टिप्पणी करने से परहेज कर पायलट ने साफ कर दिया कि वह इस पर सस्पेंस बनाए रखना चाहते हैं। वैसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अशोक गहलोत ने टवीट के जरिए राजेश पायलट को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देकर सचिन को सकारात्मक संदेश देने की अपनी तरफ से पहल जरूर की।

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