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भारत को हराकर चेपॉक पर हुआ अंग्रेजों का दबदबा

भारतीय क्रिकेट टीम की ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर एक बेहद शानदार जीत के बाद घरेलू शृंखला में इंग्लिश टीम के सामने बेहद मजबूत मानी जा रही थी। परंतु ये अंग्रेज हैं और लगातार विदेशी सरजमीं पर जीत के आये हैं। ऐसे मे सिरीज का पहला मुकाबला बड़ा ही महत्वपूर्ण था। और इसे जीतकर अंग्रेजों ने‌ अपने इरादे जाहिर कर दिये हैं।
बेहतरीन जो रूट
अंग्रेज टीम का सबसे बड़ा योद्धा मंझा हुए बल्लेबाज जो रुट है। अपना सौवां टेस्ट खेलने वाला यह अंग्रेज कप्तान श्रीलंका में दो टेस्ट मैच मे 426 रन बनाकर भारत आये थे। और जब, वे सौवें मैच मे दोहरा शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने तो कोई आश्चर्य नही हुआ। ऑस्ट्रेलिया मे स्टीव स्मिथ को बांधके रखने मे भारतीय टीम सफल हुई थी पर चेपॉक कि सपाट सतह पर पहले बल्लेबाजी करने का मौका रूट ने दोनों हाथों से रन लूट के जाया नहीं होने दिया। स्वीप शॉट पर उनकी महारथ ग्राहम गूच की याद दिलाती है। उनके बल्ले की ताकत से इंग्लिश टीम ने 578 रन बना दिये और उसके बाद भारतीय टीम मैच में कभी भी हावी न हो सकी।
विराट कोहली और टॉस में भाग्य
विराट कोहली कि कप्तानी में अच्छे और बुरे दोनों ही गुण है परंतु‌ टॉस को लेकर उनका रिकॉर्ड बहुत ही बुरा है। चेपॉक कि सतह जो पहले दो दिन बंल्लेबाजी का स्वर्ग थी, वह आखरी दो दिन नरक का स्वरूप प्राप्त कर गयी। ऐसे में इंग्लिश टीम का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला बहुत ही सही साबित हुआ।
कहीं ऐसा तो नहीं के टॉस के चलते अंग्रेजों के लिये बनाये गये गड्डे में मेजबान फंस गये?
क्या भारतीय टीम को ऐसी पिच चाहिये? एक बेहद ही संतुलित टीम बेहतर‌ पिच पर खेलने की हकदार‌ है।
टीम सिलेक्शन
ऑस्ट्रेलिया मे कप्तान रहाणे जो भी दोनों पैरो पे खडा था उसे लेकर खेलने को मजबूर थे। परंतु यहां ऐसी स्थिति नहीं थी। स्पिन पिच पर जड़ेजा के नहीं होने पर कुलदीप यादव ग्यारह में नहीं है तो फिर‌ वह 15 में भी क्यों है? किसी भी खिलाड़ी को इस तरह से लगातार बाहर बिठाना खिलाड़ी को खत्म करने जैसा है। आशा करता हूं कि कुलदीप जैसा चायनामैन गेंदबाज अच्छी तरह से संभाला जायेगा।
विश्व कप टेस्ट फाइनल का दावा
इस सिरीज का और एक महत्वपूर्ण परिणाम ये होगा कि विश्व कप के फाइनल मे न्युजीलैंड का प्रतिद्वंद्वी तय होगा। अपने घर मे‌ फाइनल खेलने ‌को इंग्लिश टीम बेकरार है तो हाथ में आया हुआ निवाला घरेलू मैदान पर भारतीय टीम भी छोड़ना नहीं चाहेगी।
अगले मुकाबले बड़े ही दिलचस्प होंगे इस बात पर कोई संदेह नही है। आशा करते है टॉस, पिच और भारत का प्रदर्शन तीनों ही बेहतर हो।

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