राजस्थान (Rajasthan) अब मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (Cabinet reorganization) के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नये मंत्रियों की सूची राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंप दी है। इस सूची के मुताबिक रविवार, 21 नवंबर की शाम 4 बजे 11 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री शपथ (oath) लेंगे। मंत्रिमंडल के विभागों (portfolios) की घोषणा बाद में की जायेगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिन 11 लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है उनके नाम हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव,टीकाराम जूली, गोविंद मेघवाल, शकुंतला रावत हैं। इनके अलावा जाहिदा, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा और मुरारीलाल मीणा को राज्य मंत्री बनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार, 20 नवंबर को ही सभी मंत्रियों ने अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सौंप दिये थे। इनमें से स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी,के इस्तीफे मंजूर किए गए। नये मंत्रियों के नाम तय कर लिये गये हैं जिनमें से पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे से 4 मंत्री बन रहे हैं। दो राज्य मंत्रियों को प्रोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया है।
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही मंत्रियों के विभागों में भारी फेरबदल होने जा रहा है। संभावना है कि कुछ को छोड़कर ज्यादातर मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे। जिन मंत्रियों के पास दो से अधिक विभाग रहे हैं, उनके विभागों में कमी की जा सकती है। कहा जा रहा है कि मंत्रियों के विभाग भी कांग्रेस हाईकमान द्वारा ही तय कर दिये गये हैं जिनके बारे में शपथग्रहण के बाद ही घोषणा की जायेगी।
मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरणों का विशेष ध्यान रखा गया है। जिन मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर किये गये हैं उनमें से दो जाट और एक ब्राह्मण समुदाय से हैं। इनके स्थान पर जिन नये मंत्रियों को शामिल किया जा रहा है उनमें भी यही जातिगत समीकरण रखा जा रहा है। कुल मिलाकर गोविंद सिंह डोटासरा और हरीश चौधरी के स्थान पर रामलाल जाट, बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी को मौका को मंत्री बनाया जा रहा है और ब्राह्मण समुदाय रघु शर्मा के स्थान पर महेश जोशी को मंत्री बनाया जा रहा है। ध्यान दिला दें कि हेमाराम चौधरी, रामलाल जाट और बृजेंद्र ओला गहलोत मंत्रिमंडल में पहले भ मंत्री रह चुके हैं और महेश जोशी फिलहाल सरकारी मुख्य सचेतक हैं।
बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) से टूटकर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों में से केवल राजेंद्र सिंह गुढ़ा को ही राज्य मंत्री बनाया जा रहा है। यद्यपि बसपा के सभी विधायक मंत्रीपद चाह रहे थे लेकिन गुढ़ा के अलावा शेष पांच को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है या फिर उन्हें किसी अन्य प्रकार से राजनीतिक नियुक्तियां दी जा सकती हैं