जयपुर

चार मृतकों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक-एक लाख की सहायता जारी

जयपुर। जिला कलेक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने जयपुर में 14 अगस्त को हुई बारिश के कारण हताहत हुए चार मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि जारी कर दी है। नियमानुसार मुआवजे के लिए बारिश के कारण अन्य प्रकार से प्रभावितों के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।

नेहरा ने बताया कि शुक्रवार को हुई तेज बारिश के बाद शहर में राहत कार्य शुरू किए गए और अब तक अधिकांश कच्ची बस्तियों से पानी निकाला जा चुका है, प्रभावित सैकड़ों लोगों के लिए दोनों समय खाने की व्यवस्था की गई । सड़क, बिजली एवं पानी की लाइनों को हुए नुकसान को दुरूस्त करने के सम्बन्धित विभागों को निर्देश दे दिए गए हैं।

नेहरा ने अतिवृष्टि से प्रभावित कई क्षेत्रों का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा लिया। इसमें विशेष कर पहाड़ों की तलहटी में बसे लो-लाइन एरिया का भी उन्होंने निरीक्षण किया। बारिश से कुछ पक्के और कच्चे मकानों को क्षति पहुंची है। एसडीआरएफ के नियमों के तहत अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान के मुआवजे के लिए तहसीलदार द्वारा सर्वे किया जा रहा है।

नेहरा ने बताया कि बरसात में मित्तल कॉलेज के पास गाड़ी बह जाने के कारण मारे गए रामप्रताप मीणा, पारी मीणा एवं काना मीणा के परिजनों को एक-एक लाख रूपए एवं भट्टा बस्ती क्षेत्र मेें बहे किशोर सन्नी के परिजनों को एक लाख रुपए की राशि सीएम रिलीफ फण्ड से जारी कर दी गई है। मौत के शिकार एक अन्य व्यक्ति को परिजन भरतपुर ले गए हैं एवं एक किशोर सोमवार को मृत मिला जिसके परिजनों को एक दो दिन में एक लाख रुपए की राशि प्रदान कर दी जाएगी।

नेहरा ने बताया कि अतिवृष्टि से उपजे हालात के सम्बन्ध में सोमवार को सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश प्रदान कर दिए गए हैंं। लाल डूंगरी क्षेत्र में मीणा पेट्रोल पम्प के अतिरिक्त संसाधन लगवाकर मिट्टी हटावाई जा रही है।

विजयपुरा क्षेत्र में जल निकास के लिए जेडीए एक्सईएन को सर्वे के लिए कहा गया है और तब तक पम्पों से खाली स्थान में पानी डाला जा रहा है। जेडीए को सभी क्षतिग्रस्त सड़कें ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक टीला नम्बर दो को छोड़कर सभी कच्ची बस्तियों में से पानी निकाला जा चुका है।

नए पम्प लगाकर यहां से भी पानी निकाला जा रहा है। गिराधारीपुरा, बगराना सभी जगह से पानी निकाला जा चुका है। प्रभावितों को शिविर में रखकर तीन दिन से सुबह शाम उनके खाने की व्यवस्था भी गई है। जयसिंहपुरा खोर क्षेत्र के प्रभावितों को भी भोजन उपलब्ध करवाया गया है।

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