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कोरोना जांच रिपोर्ट अब मोबाइल पर मिलेगी

सरकार ने तय की निजी अस्पतालों की दरें

जयपुर। प्रदेश में 7 सितंबर से कोरोना जांच की रिपोर्ट संबंधित व्यक्ति के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मिल सकेगी। इसी के साथ सरकार ने कोरोना संक्रमितों को बड़ी राहत देते हुए प्रदेश के निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज की दरें निर्धारित कर दी है।

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर चिकित्सा विभाग ने कोरोना की रिपोर्ट की सूचना संबंधित व्यक्ति तक तुरंत पहुंचाने का ऑटोमेटिक सिस्टम विकसित किया है। आमजन राज कोविड इंफो मोबाइल एप के जरिए भी जांच रिपोर्ट प्राप्त कर सकता है।

वर्तमान में सेम्पल की रिपोर्ट आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड की जाती है। कोरोना जांच की रिपोर्ट संबंधित अस्पताल एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को भेजी जाती है। इससे रिपोर्ट भिजवाने में देरी होने के साथ ही प्रयोगशालाओं और सीएमएचओ कार्यालय में कार्यभार बढ़ रहा था और रिपोर्ट देरी से प्राप्त हो रही थी।

शर्मा ने कहा कि निजी अस्पतालों में इलाज की दरें निर्धारित कर दी गई है। दरों के अनुसार ही सभी निजी अस्पतालों कोविड संक्रमितों का इलाज करना होगा। निदेर्शों की पालना कड़ाई से नहीं करने वाले निजी अस्पतालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। इससे निजी अस्पतालों की बेलगाम वसूली पर भी रोक लगेगी।

शर्मा ने बताया कि नई दरों के अनुसार नेशनल एक्रिडेटेड व नॉन एक्रिडेटेड अस्पतालों में भर्ती होने पर संक्रमित मरीज से 5 हजार रुपए तक तथा गंभीर मरीज से 7500 रुपए और ज्यादा गंभीर मरीज से आईसीयू सहित 9 हजार रुपए तक शुल्क लिया जा सकेगा। इसमें 15 प्रकार के शुल्क जैसे परामर्श शुल्क, चार्जेज, पीपीई किट, बलगम पात्र, दवाएं, ट्यूब्स, बेड, नाश्ता, लंच, डिनर सहित कई अन्य वस्तु शामिल हैं।

शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा पूर्व में प्रदेश के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के उपचार की दरें निर्धारित की गई थी लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं था कि इन दरों के अलावा कौन-कौनसी जांचें, दवाइयां व विभिन्न खर्चे कोविड की चिकित्सा में शामिल हैं। ऐसे में भ्रम की स्थिति बनी रहती थी।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के निजी अस्पतालों में रिक्त और अधिकृत किए बैड की स्थिति जानने के लिए एक सिस्टम विकसित किया जाएगा ताकि कोई भी अस्पताल यह कहकर मरीजों को ना लौटा दे कि सभी बैड फुल हैं। इससे कोई भी अस्पताल बैड की संख्या के बारे में झूठ नहीं बोल सकेगा।

इसी के साथ सरकार ने आरयूएचएस को कोरोना उपचार के लिए डेडिकेटेड अस्पताल घोषित कर दिया है। शर्मा ने बताया कि राज्य में समुचित व्यवस्था और लोगों की जागरूकता के चलते पॉजिटिविटी का प्रतिशत 3.6 है, जो कि देश के अनुपात में खासा कम है।

हालांकि प्रदेश में भी संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है लेकिन यहां लगभग 82 फीसदी मरीज स्वस्थ होकर भी घर जा रहे हैं। यहीं नहीं प्रदेश की मृत्युदर में लगातार गिरावट आ रही है। प्रदेश में प्रतिदिन 51 हजार 640 जांच प्रतिदिन की जा रही है, जिसे आने वाले दिनों में 75 हजार जांच प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा गया है।

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