जयपुर। जिन जिलों में कोरोना के पॉजिटिव केसेज बढ़ रहे हैं, वहां जिला कलेक्टर आवश्यकता के अनुसार सीमित क्षेत्र में लॉकडाउन, रात्रि कर्फ्यू, कंटेनमेंट सहित अन्य पाबंदियां लगा सकते हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों में कोरोना के प्रति सतर्कता में कमी आई है। आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों, परिवहन और अन्य आवागमन के दौरान लापरवाही के कारण तेजी से मामले बढ़े हैं, ऐसे में कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना जरूरी है।
यह कहना है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का। गहलोत अपने निवास से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोग हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही नहीं बरतें। लॉकडाउन की तरह पूरी गंभीरता के साथ मास्क लगाने, सोश्यल डिस्टेंसिंग, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूंकने सहित अन्य सावधानियों का पालन करें, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार आनेवाले समय में कोरोना की स्थिति ज्यादा विकट हो सकती है।
गहलोत ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए कार्य स्थलों का नियमित निरीक्षण कराया जाए। लोग बेवजह घरों से बाहर नहीं निकलें। होम क्वारंटीन में रह रहे लोग नियमों का उल्लंघन करें तो उन्हें संस्थागत क्वारंटीन में भेजा जाए।
बैठक में बताया गया कि बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए किए जा रहे दूसरे सर्वे में अब तक 3 लाख 23 हजार 162 परिवारों के करीब 13 लाख 76 हजार लोगों ने पंजीयन कराया है। अलवर, बाड़मेर, बीकानेर, कोटा, पाली आदि शहरों में रात्रिकालीन कर्फ्यू और सीमित क्षेत्र में कंटेनमेंट किया गया है। प्रदेश में अब तक 115 रोगियों को प्लाज्मा थैरेपी दी जा चुकी है। मेडिकल कॉलेजों से संबंद्ध सभी अस्पतालों में रेमेडिसिविर और टोसिलीजूमेब इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं।