दिल्लीपर्यावरण

दिल्ली-एनसीआर वालों की टेंशन बढ़ा रहा बढ़ता प्रदूषण

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। आनंद विहार में एक्यूआई 452 और आरके पुरम में 433 रहा। जबकि पंजाबी बाग में 460 और आईटीओ में 413 रहा। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों में बारिश का अनुमान है जिससे वायु प्रदूषण में सुधार हो सकता है।
दिवाली से पहले दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने सरकार के साथ साथ आम लोगों की चिंता भी बढ़ा दी है। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण बच्चों से लेकर बड़ों तक को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। दिल्ली में बुधवार को सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 460 रहा है। जबकि सोमवार को दिल्ली में एक्यूआई 453 था। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई। मंगलवार दोपहर तीन बजे एक्यूआइ 455 पर पहुंच गया। दोपहर बाद में इसमें मामूली सुधार हुआ और एक्यूआइ 452 हो गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। आनंद विहार में एक्यूआई 452 और आरके पुरम में 433 रहा। जबकि पंजाबी बाग में 460 और आईटीओ में 413 रहा। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों में बारिश का अनुमान है, जिससे वायु प्रदूषण में सुधार हो सकता है।
सरकार ने बनाई योजनाएं
राष्ट्रीय राजधानी सर्दियों में गैस चैंबर नहीं बने, इसके लिए राज्य और केंद्र स्तर पर साल दर साल अनेकानेक योजनाएं बनाई गई हैं। लेकिन इस बार फिर से गैस चैंबर बन चुकी दिल्ली ने ना केवल इन योजनाओं पर सवालिया निशान लगा दिया है बल्कि सरकारों को भी आइना दिखाने का काम किया है। ना पराली जलना बंद हुई, ना वाहनों का धुआं खत्म हुआ, न धूल उड़नी बंद हुई, न टूटी सड़कें बनी और न सड़कों पर जाम खत्म हो पाया। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने तो इस कटु सत्य पर मुहर लगा दी है।
कोयला एवं लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध
पर्यावरणविदों के मुताबिक प्रदूषण की रोकथाम के लिए कागजों पर बड़ी बड़ी योजनाएं बना दी जाती हैं, पत्रकार वार्ता सहित अलग अलग मंचों पर उनकी घोषणाएं कर वाहवाही भी बटोर ली जाती है, लेकिन धरातल पर ईमानदारी से उनका क्रियान्वयन हो ही नहीं पाता। कुछ योजनाएं तो इस हद तक अव्यवहारिक हैं कि उपहास का विषय बन गई हैं। मसलन, अच्छे से चल रहे वाहनों से पीयूसी सर्टिफिकेट मांगा जाता है जबकि धुआं छोड़ रहे वाहन बेखौफ सड़कों पर दौड़ते दिखाई पड़ते हैं। कोयला एवं लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध है, लेकिन हर ढाबे पर यह जलते हुए मिल जाएंगे। इसी तरह सुबह के वक्त विभिन्न इलाकों में सफाई कर्मचारी झाडू लगाकर खुद कूड़े के ढेर में आग लगा देते हैं तो औद्योगिक क्षेत्रों में रात के अंधेरे में कचरा जलाया जा रहा है।
सार्वजनिक परिवहन का हाल
दिल्ली को 11,000 बसों की जरूरत है। लेकिन क्लस्टर और डीटीसी की मिलाकर इनकी संख्या 7,360 तक ही पहंचती है। आखिरी बार डीटीसी ने सीएनजी बसों के लिए 2008 में एक निविदा को अंतिम रूप दिया था और उस निविदा से अक्टूबर 2011 तक बसें आती रहीं। फिर डीटीसी ने 2013 और 2019 के बीच पांच निविदाएं जारी कीं, लेकिन उनमें से कोई भी टेंडर सफल नहीं हो सका। अंततः 2020 में 1,000 एसी लो-फ्लोर सीएनजी बसों के लिए एक निविदा को अंतिम रूप दिया गया, जिसमें दो बोलीदाताओं को 70रू30 के अनुपात में अनुबंध मिला। लेकिन वार्षिक रखरखाव अनुबंध (सीएएमसी) में अनियमितताओं के आरोपों के कारण ये 1,000 एसी लो-फ्लोर सीएनजी बसें नहीं आ सकीं। मामले की सीबीआइ जांच कर रही है।
ढांचागत परियोजनाओं का हाल
ढांचागत विकास की परियोजनाओं की बात करें तो गत वर्ष सड़कों को सिग्नल फ्री करने के लिए चार बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया था। इसके तहत नए फ्लाईओवर व अंडरपास बनाकर लोगों को जाम से राहत देने की तैयारी शुरू की गई थी। 10 अक्टूबर 2022 को अप्सरा बार्डर परियोजना का शिलान्यास किया गया है। पंजाबी बाग फ्लाइओवर का शिलान्यास 29 सितंबर, 2022 को किया गया। मुकरबा चैक व हैदरपुर मेट्रो रोड को जाममुक्त बनाने के लिए तीन अंडरपास का शिलान्यास 27 सितंबर 2022 को किया गया। प्रगति मैदान के पास भैरों मार्ग से रिंग रोड पर जाने के लिए अंडरपास को बनाने का काम चल रहा है। यमुना खादर में मयूर विहार फेज-एक के सामने बारापुला एलिवेटेड कारिडोर फेज-तीन का काम चल रहा है। लेकिन कछुआ गति से। इनका लाभ तो पता नहीं कि कब मिलेगा, फिलहाल तो परेशानी ही हो रही है।
2016 से 2021 के दौरान दिल्ली में हर दिन काटे गए औसतन आठ पेड़
पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ द्वारा लगाई गई एक आरटीआइ के जवाब में सामने आया है कि अगस्त 2016 से अगस्त 2021 तक दिल्ली में हर रोज औसतन आठ पेड़ काटे गए हैं। इन पांच वर्षों में विभिन्न परियोजनाओं के लिए शहर में कुल 15,090 पेड़ काटे गए, जिसमें व्यक्तियों और राज्य और केंद्रीय एजेंसियों को उनकी परियोजनाओं के लिए दी गई अनुमति शामिल थी।
वायु प्रदूषण में वाहनों के धुएं की हिस्सेदारी
दिल्ली एनसीआर के वायु प्रदूषण में वाहनों के धुएं की हिस्सेदारी लगभग 36 फीसद है। पीएम 2।5 में यह हिस्सेदारी 32 जबकि पीएम 10 में 41 फीसद तक है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन सफर इंडिया की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 24 फीसद प्रदूषण की वजह केवल दोपहिया वाहन हैं। इसमें भी बाइक की वजह से 14 फीसद और स्कूटरों की वजह से 10 फीसद प्रदूषण होता है। ट्रक और बसों की हिस्सेदारी इस प्रदूषण में 20-20 फीसद रह गई है। आटो और कारें भी दिल्ली को काफी प्रदूषित कर रही हैं।
स्माॅग टावरों का घुटा दम, महीनों में पड़े बंद
दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए लगाए गए स्माॅग टावर खुद ही हांफ गए हैं। आलम यह है कि दोनों टावर लंबे समय से बंद पड़े हैं। एक पर ताला लटका है तो दूसरे की मेंटेनेंस चल रही है। सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक स्माग टावर बाबा खडग सिंह मार्ग पर अगस्त 2021 में लगाया गया तो दूसरा आनंद विहार में सितंबर 2021 में शुरू किया गया। पहला दिल्ली सरकार ने और दूसरा केंद्र सरकार ने स्थापित किया।
दिन-रात काम कर रही दिल्ली सरकार
बढ़ते प्रदूषण को लेकर कुछ लोगों के मन में सवाल पैदा हो रहा है कि दिल्ली में कुछ नहीं हो रहा है, सबकुछ बर्बाद हो गया है। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि दिल्ली सरकार समर और विंटर एक्शन प्लान के माध्यम से प्रदूषण को कम करने के लिए साल के 365 दिन लगातार काम कर रही है। पिछले कुछ सालों में सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई दीर्घकालिक निर्णय लिए हैं। वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ईवी पालिसी लाई गई। दिल्ली में इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें चलाई जा रही हैं। दिल्ली सरकार 24 घंटे बिजली की आपूर्ति कर रही है। हमने दिल्ली में प्रदूषित ईंधन से चल रहे इंडस्ट्री को 100 प्रतिशत पीएनजी में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाया गया है।
13 नवंबर से लागू होगा ऑड-इवन
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिनांक 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड इवन लागू करने की घोषणा की है। सरकार ने बढ़ते प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए साल जनवरी 2016 में लागू की गई थी
पटाखों पर प्रतिबंध
दिवाली को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बेरियम युक्त पटाखों पर भी सख्ती बरती है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध का आदेश सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं है।
आज हो सकती है बारिश
बढ़ते पॉल्यूशन को देखते हुए मौसम विभाग ने भी बारिश का अपडेट दिया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली एनसीआर में बुधवार को सुबह हल्की धुंध होगी जबकि दिन में आसमान साफ रहेगा। शाम के समय दिल्ली समेत एनसीआर के कई इलाकों में बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञानियों की माने तो तापमान में काफी हद तक गिरवट होगी। पश्चिमी विक्षोभ के असर से 11 और 12 नवंबर को हवा की रफ्तार बढ़ेगी।

Related posts

राजस्थान को मिला जैम एक्सीलेंसी अवार्ड

Clearnews

वेटिंग लिस्ट होगी ख़तम और सबको मिलेगा कन्फर्म टिकट ! एक लाख करोड़ रुपये की नई ट्रेनें खरीदेगा रेलवे

Clearnews

आर्थिक सर्वेक्षण में देश की विकास दर 8.5 फीसदी तक रहने का अनुमान

admin