दिवाली के पांच दिवसीय त्योहारों पर देश भर में 3.75 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड व्यापार हुआ। कार्तिक पूर्णिमा तक इसके सवा चार लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान वोकल फॉर लोकल के असर से चीन को एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मुद्रा का नुकसान झेलना पड़ा है।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया कॉमर्स ट्रेडर्स यानी कैट के ‘भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद’ अभियान को देश भर में ग्राहकों का जबरदस्त समर्थन मिला। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा है कि इस वर्ष के दिवाली सीजन में देश भर के बाजारों में पौने चार लाख करोड़ यानी 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रिकॉर्ड-तोड़ व्यापार हुआ। सभी त्योहार पर ग्राहकों ने जमकर भारतीय वस्तुओं की खरीदारी की। गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह और कार्तिक पूर्णिमा पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का और व्यापार होने की संभावना है। यानी आंकड़ा सवा चार लाख करोड़ के पार जाने की संभावना है।
चीन को 1 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान
खंडेलवाल के मुताबिक इस बार चीन को दिवाली पर्व पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के व्यापार का बड़ा नुकसान हुआ। पूर्व वर्षों में दिवाली त्योहारों पर चीन से बनी वस्तुओं को भारतीय बाजार का लगभग 70 फीसदी हिस्सा मिल जाता था। इस बार वो काफी कम रहा। देश के व्यापारियों ने इस वर्ष चीन से दिवाली से संबंधित किसी भी वस्तु का कोई इंपोर्ट नहीं किया। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान का असर है।
किस उत्पाद में कितना कारोबार
खंडेलवाल ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 3.5 लाख करोड़ रुपए के त्योहारों पर व्यापार में लगभग 13 फीसदी खाद्य एवं किराना में, 9 फीसदी ज्वेलरी में, 12 फीसदी वस्त्र एवं गारमेंट, 4 फीसदी ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3 फीसदी घर की साज-सज्जा, 6 फीसदी काॅस्मेटिक्स, 8 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3 फीसदी पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3 फीसदी बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2 फीसदी कॉन्फेक्शनरी एवं बेकरी, 8 फीसदी गिफ्ट आइटम्स, 4 फीसदी फर्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20 फीसदी ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए गए।
पैकिंग कारोबार को भी मिला बड़ा बाजार
देशभर में पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाजार इस दिवाली पर मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिवाली त्योहारों पर लोकल बनी वस्तुएं खरीदने का आह्वान किया गया था, जिसका बड़ा प्रभाव पूरे देश में दिखाई दिया। देश के सभी शहरों के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों की भारी मात्रा में बिक्री हुई, जिससे आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दिवाली पर्व के जरिए देश एवं दुनिया को दिखाई गई।